छह जनवरी के हमले की जांच करने वाली समिति ने सौंपी रिपोर्ट
International छह जनवरी के हमले की जांच करने वाली समिति ने सौंपी रिपोर्ट

छह जनवरी के हमले की जांच करने वाली समिति ने सौंपी रिपोर्ट छह जनवरी के हमले की जांच के लिए गठित सदन की प्रवर समिति ने 18 महीनों के बाद, 1,200 से अधिक साक्षात्कार और 10 सार्वजनिक सुनवाई और 70 लोगों की गवाही के बाद अपनी 845 पन्नों की अंतिम रिपोर्ट 22 दिसंबर, 2022 को जारी की। रिपोर्ट ने सिफारिश की कि न्याय विभाग पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर साजिश और विद्रोह के लिए उकसाने सहित चार आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाए। इसमें कई विधायी सिफारिशें भी शामिल थीं, जिनमें राष्ट्रपति चुनावों में चुनावी वोटों की गिनती के लिए प्रक्रिया में सुधार शामिल था। समिति ने विशेष रूप से यह भी सिफारिश की कि कांग्रेस ट्रम्प और विद्रोह में शामिल अन्य अधिकारियों को 14वें संशोधन के तहत फिर से चुनाव लड़ने से रोके। पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा चलाने की समिति की सिफारिश अभूतपूर्व है। लेकिन छह जनवरी, 2021 की घटनाओं की इसकी जांच कांग्रेस की शक्ति के दायरे में आ गई, और सरकारी घोटालों और विफलताओं में कांग्रेस की जांच के सदियों पुराने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। नियमित निगरानी कांग्रेस के पास व्यापक जांच शक्तियां हैं। इसकी स्थायी और विशेष समितियाँ, जिन्हें चुनिंदा समितियों के रूप में जाना जाता है, नियमित रूप से पूर्वव्यापी निरीक्षण और पूर्वव्यापी जाँच दोनों का संचालन करती हैं। उनका उद्देश्य सरकार के अंदर और बाहर दोनों जगह गलत कामों के विशिष्ट मामलों की पहचान करना है। केंद्रित जांच के अंत में जारी समिति की रिपोर्ट, अक्सर मूल्यवान ऐतिहासिक दस्तावेजों के रूप में काम करती हैं। वे उन घटनाओं का विस्तृत विवरण प्रदान करती हैं, जिनकी वजह से जांच करवाई गई। उदाहरण के लिए, बेंगाज़ी पर सदन की प्रवर समिति द्वारा जारी अंतिम रिपोर्ट में 11 सितंबर, 2012 की रात को बेनगाज़ी, लीबिया में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर घातक आतंकवादी हमलों से जुड़ी घटनाओं का मिनट-दर-मिनट लेखा-जोखा पेश किया गया। रिपोर्ट में आम तौर पर उन सवालों को दोहराया जाता है जो जांच की वजह होते हैं और यह समझाते हैं कि समिति ने अपना काम कैसे किया और प्रासंगिक साक्ष्य और घटनाओं की प्रगति को चित्रित करते हैं। अंत में, जांच के बाद सामने आने वाली रिपोर्ट समस्याओं को ठीक करने के बारे में सिफारिशें प्रदान करती है। इन सिफारिशों को तीन अलग-अलग प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: कानूनी, विधायी और संस्थागत। छह जनवरी की समिति ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में जो 11 अलग-अलग सिफारिशें पेश कीं, उनमें से एक जवाबदेही पर केंद्रित कानूनी सिफारिश थी, नौ प्रस्तावित नई नीतियां और कार्रवाइयाँ थीं, और एक कांग्रेस में ही प्रस्तावित बढ़ी हुई निगरानी थी। कानूनी रेफरल समितियां कानूनी कार्रवाई की सिफारिश कर सकती हैं, जैसे दीवानी या फौजदारी मुकदमा, या दोनों। लेकिन कांग्रेस खुद जांच के विषयों के खिलाफ दीवानी या आपराधिक आरोप नहीं लगा सकती।इसके बजाय, समितियाँ अनुशंसा कर सकती हैं कि न्याय विभाग अंतिम समिति की रिपोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अभियोगों पर विचार करे। संघीय अभियोजक अक्सर कांग्रेस की पूछताछ के समान समय सीमा के दौरान अपनी समानांतर जांच करते हैं लेकिन कांग्रेस के साक्ष्य और रेफरल को गंभीरता से लेते हैं। 19 दिसंबर, 2022 को छह जनवरी समिति के वोट में पहली बार ऐसा हुआ जब कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति पर आपराधिक मुकदमा चलाने की सिफारिश की। 1920 के दशक में, टीपॉट डोम रिश्वत कांड की अपनी जांच के दौरान, सीनेट सार्वजनिक भूमि समिति को अन्य लोगों के अलावा, आंतरिक सचिव अल्बर्ट फॉल के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के सबूत मिले। समिति के अध्यक्ष थॉमस वॉल्श ने सिफारिश की कि फॉल पर ‘‘कानून की अवहेलना’’ के लिए मुकदमा चलाया जाए। फॉल की जांच राष्ट्रपति केल्विन कूलिज द्वारा नियुक्त विशेष काउंसिल द्वारा भी की गई थी और उन्हें रिश्वतखोरी के लिए दोषी ठहराया गया था और जेल की सजा दी गई थी। 1970 के दशक में, वाटरगेट कांड पर निक्सन प्रशासन द्वारा पर्दा डालने की कांग्रेस की जांच ने निक्सन के तीन सहयोगियों को न्याय में बाधा डालने के लिए दोषी ठहराया। 1980 के दशक में, सीनेट की ईरान-कॉन्ट्रा जांच में स्वतंत्र टॉवर आयोग की रिपोर्ट के साथ, रीगन प्रशासन द्वारा ईरान को गुप्त और गैरकानूनी हथियारों की बिक्री में तीन रीगन प्रशासन सलाहकारों को साजिश से लेकर कांग्रेस में बाधा डालने तक के आरोपों में दोषी ठहराया गया। उच्च राजनीतिक जांच में, कांग्रेस विशिष्ट आपराधिक आरोपों की सिफारिश करने से पीछे हट सकती है। लेकिन यह संघीय अभियोजकों को अपनी जांच के दौरान समिति के निष्कर्षों की समीक्षा करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। उदाहरण के लिए, 1994 में, अटॉर्नी जनरल जेनेट रेनो ने बिल और हिलेरी क्लिंटन द्वारा अर्कांसस के गवर्नर और प्रथम महिला के तौर पर व्हाइटवाटर डेवलपमेंट कॉर्प में संपत्ति निवेश की जांच के लिए एक स्वतंत्र वकील नियुक्त किया था। एक साल बाद, सीनेट ने अपनी व्हाइटवाटर जांच करने के लिए एक विशेष समिति की स्थापना की। रिपब्लिकन बहुमत की अंतिम रिपोर्ट में, समिति ने क्लिंटन प्रशासन पर ‘‘अत्यधिक अनुचित आचरण’’ का आरोप लगाया। लेकिन इसने आपराधिक अभियोगों की सिफारिश नहीं की। स्वतंत्र वकील केनेथ स्टार को एक अनुवर्ती पत्र में, समिति ने सुझाव दिया कि क्लिंटन के तीन सहयोगियों के खिलाफ समिति के सबूतों की समीक्षा करने के बाद वह ‘‘जो भी उचित समझें कार्रवाई करें’’। स्टार ने बाद में धोखाधड़ी के लिए उन सहयोगियों में से एक को दोषी ठहराया। विधायी सिफारिशें समिति की रिपोर्ट में अक्सर कार्यकारी और विधायी दोनों शाखाओं में नीतिगत सुधार के लिए निर्देश शामिल होते हैं, जो जांच को बाधित करने वाली विफलताओं को दूर करने के लिए होते हैं। संस्थागत संशोधन समितियां कांग्रेस के अंदर और बाहर भविष्य की निगरानी को आसान और प्रभावी बनाने के लिए सुझाव दे सकती हैं। कार्यकारी शक्ति की जाँच के लिए एक गैर-पक्षपाती अनिवार्यता के रूप में इस तरह के कदम को साथी विधायकों को सौंपा जा सकता है। कांग्रेस खुद सरकारी एजेंसियों के भीतर निगरानी को सुविधाजनक बनाने या मजबूत करने के लिए कानून भी पारित कर सकती है। उदाहरण के लिए, 1978 के महानिरीक्षक अधिनियम ने प्रमुख सरकारी एजेंसियों में केंद्रीकृत, स्वतंत्र निरीक्षण कार्यालयों की स्थापना की। यह स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग में कुप्रबंधन पर हाउस कमेटी की अंतिम रिपोर्ट से प्रेरित था। राजनीतिक प्रभाव समिति की रिपोर्ट के महत्वपूर्ण राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं, हालांकि वे प्रभाव आवश्यक रूप से नियोजित या प्रत्याशित नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, 2014-2016 की जांच के दौरान, हाउस बेंगाजी समिति ने पाया कि हिलेरी क्लिंटन ने विदेश मंत्री के पद पर रहते एक निजी ईमेल सर्वर का अनुचित तरीके से उपयोग किया था। समिति ने क्लिंटन के खिलाफ आपराधिक आरोपों की सिफारिश नहीं की। लेकिन उसने क्लिंटन के ईमेल को समिति को सौंपने में देरी के लिए विदेश विभाग की निंदा की। शायद इसी ई-मेल विवाद ने नवंबर 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ हिलेरी क्लिंटन की हार में भूमिका निभाई।

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‘ज्ञान तक पहुंच संबंधी उपनिवेशवाद’ से कैसे निपट रहा अफ्रीका
International ‘ज्ञान तक पहुंच संबंधी उपनिवेशवाद’ से कैसे निपट रहा अफ्रीका

‘ज्ञान तक पहुंच संबंधी उपनिवेशवाद’ से कैसे निपट रहा अफ्रीका विज्ञान पर आधारित ज्ञान को अधिक निष्पक्ष रूप से साझा करने के प्रयासों का अफ्रीका में विपरीत प्रभाव पड़ा है, लेकिन एक नई पहल असल समानता ला रही है। मैरी अबुकुत्सा-ओंयागो अपने क्षेत्र में अग्रणी हैं। वह ‘जोमो केन्याटा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी’ में बागवानी विषय की प्रोफेसर हैं और देशी अफ्रीकी फसलों के क्षेत्र में उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त है, लेकिन जब उन्होंने अफ्रीका में गरीबी, कुपोषण और खाद्य असुरक्षा को दूर करने में अफ्रीकी देशी सब्जियों की भूमिका को लेकर अपने हालिया अनुसंधान के निष्कर्षों का वर्णन करते हुए पत्र प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिकाओं को भेजे, तो उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। ओंयागो ने कहा, ‘‘इसका कारण यह नहीं था कि अनुसंधान अच्छा नहीं था, बल्कि उनका मानना था कि मैं जिन फसलों के बारे में लिख रही हूं, वे खरपतवार हैं।’’ इसके बाद उन्होंने एक अफ्रीकी पत्रिका को अपने दस्तावेज भेजे जिसने उनके निष्कर्ष को स्थान दिया। उनके अनुसंधान को बड़ी संख्या में लोगों ने पढ़ा और इसने स्कूलों के लिए पोषण योजनाओं के विकास में केन्या सरकार की योजनाओं को प्रभावित किया। अन्य पूर्वी अफ्रीकी सरकारों ने भी इन योजनाओं को अपनाया है। यह इस बात का केवल एक उदाहरण है कि स्थापित विज्ञान प्रकाशक अफ्रीकी अनुसंधान को पर्याप्त स्थान नहीं दे रहे हैं।

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अमेरिकी दूतावास ने एलर्ट जारी किया ; अमेरिकियों को पाकिस्तान के मैरिएट होटल जाने से रोका
International अमेरिकी दूतावास ने एलर्ट जारी किया ; अमेरिकियों को पाकिस्तान के मैरिएट होटल जाने से रोका

अमेरिकी दूतावास ने एलर्ट जारी किया ; अमेरिकियों को पाकिस्तान के मैरिएट होटल जाने से रोका पाकिस्तान स्थित अमेरिकी दूतावास ने यहां देश की राजधानी में स्थित मैरिएट होटल में अमेरिकी नागरिकों पर आतंकवादी हमले की आशंका को लेकर सतर्क किया है और अमेरिकी कर्मचारियों के इस पांच सितारा होटल में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस्लामाबाद में हाल में एक आत्मघाती हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। अमेरिकी दूतावास ने इस घटना के दो दिन बाद रविवार को यह चेतावनी जारी की है। बयान में कहा गया है, ‘‘अमेरिकी सरकार को सूचना से अवगत है कि अज्ञात लोग छुट्टियों में इस्लामाबाद स्थित मैरिएट होटल में अमेरिकियों पर हमला करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस्लामाबाद में दूतावास सभी अमेरिकी कर्मचारियों के इस्लामाबाद स्थित मैरिएट होटल में जाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाता है।’’ दूतावास ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर इस्लामाबाद को ‘रेड अलर्ट’ पर रखा गया है, ऐसे में सभी मिशन कर्मियों से छुट्टियों में राजधानी में गैर-जरूरी और अनौपचारिक यात्रा से परहेज करने का आग्रह किया जाता है। यह परामर्श ऐसे समय में जारी किया गया है, जब इस्लामाबाद में हाल में हमला हुआ था और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हमलों में देशभर में तेजी आई है। इस्लामाबाद 23 दिसंबर को हुए एक आत्मघाती हमले के बाद हाई अलर्ट पर है। इस हमले में एक पुलिस अधिकारी और दो संदिग्ध आतंकवादियों की मौत हो गई थी। उल्लेखनीय है कि एक आत्मघाती हमलावर ने इस्लामाबाद स्थित मैरिएट होटल को सितंबर 2008 में निशाना बनाया था, जो राजधानी में हुए इस तरह के सर्वाधिक घातक हमलों में एक है। इस हमले में कम से कम 54 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे।

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द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध
International द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध

द्विपक्षीय मुद्दे लंबित रहने के बावजूद अगले साल और मजबूत हो सकते हैं बांग्लादेश-भारत संबंध भारत और बांग्लादेश के बीच नदी जल के बंटवारे जैसे कुछ मुद्दे लंबित रहने के बावजूद 2023 में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होने की संभावना है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अनुसार, बातचीत के माध्यम से इसे मुद्दे का भी समाधान निकाला जा सकता है। बांग्लादेश-भारत के संबंध बहुआयामी प्रकृति के हैं और ये साझा इतिहास, भौगोलिक निकटता तथा संस्कृतियों में समानता पर आधारित हैं। वर्ष 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए भारत के योगदान से उत्पन्न भावनात्मक बंधन देश के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने में एक प्रमुख कारक बना हुआ है। पड़ोसी होने के नाते भारत के साथ बांग्लादेश के संबंध उसकी राजनीतिक तथा आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। दोनों पड़ोसी देश द्विपक्षीय रूप से जुड़े हुए हैं और कुछ पश्चिमी देशों के विपरीत, भारत आमतौर पर सार्वजनिक रूप से बांग्लादेश की घरेलू राजनीति पर टिप्पणी करने से परहेज करता है। पूर्व राजनयिक और वर्तमान में गैर-सरकारी संस्था बांग्लादेश एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के संचालक हुमायूं कबीर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भौगोलिक वास्तविकता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए दोनों देशों के हित में उनके संबंध अच्छे रहने की संभावना है।

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चीन कर रहा बुजुर्गों के टीकाकरण की कोशिश, लेकिन लोग अनिच्छुक
International चीन कर रहा बुजुर्गों के टीकाकरण की कोशिश, लेकिन लोग अनिच्छुक

चीन कर रहा बुजुर्गों के टीकाकरण की कोशिश, लेकिन लोग अनिच्छुक चीनी अधिकारी घर-घर जाकर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन मामले बढ़ने के बावजूद अनेक लोग टीके के दुष्प्रभावों की बात कहकर टीकाकरण नहीं कराना चाहते। इस बारे में 64 वर्षीय ली लियानशेंग का कहना है कि उनके दोस्त बुखार, रक्त के थक्के बनने और अन्य दुष्प्रभावों की बात सामने आने के कारण कोविड रोधी टीका नहीं लगवाना चाहते। कोरोना वायरस से संक्रमित होने से पहले टीका लगवा चुके ली ने कहा, जब लोग ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं, तो वे टीका नहीं लगवाना चाहते। चीन के अचानक ‘शून्य कोविड नीति’ में ढील देने के कारण देश में कोरोना वायरस के संक्रमण ने कहर बरपा दिया है और मरीजों की संख्या बहुत अधिक होने की वजह से अस्पतालों में जगह नहीं बची है। अस्पतालों के मुर्दाघर शवों से भरे पड़े हैं। हालांकि, स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने कोविड-19 से केवल छह लोगों की मौत को ही आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज किया है। यह इस तथ्य के बावजूद है जब बड़ी संख्या में लोग महामारी से अपने परिजनों की मौत की सूचना दे रहे हैं। देश में कोविड-19 से अब तक हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा केवल 5,241 दिखाया गया है। पिछले सप्ताह एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा था कि देश संक्रमण की स्थिति में श्वसन प्रणाली के फेल होने और निमोनिया के चलते होने वाली मौतों को ही आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज करता है। विशेषज्ञों ने पूर्वानुमान व्यक्त किया है कि चीन में 2023 के अंत तक कोरोना वायरस संक्रमण से 10 से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है। देश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बुजुर्ग चीनियों के टीकाकरण की दर बढ़ाने के लिए 29 नवंबर को एक अभियान की घोषणा की थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य देखभाल संकट से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है। ली ने कहा कि उनके 55 वर्षीय एक दोस्त को टीका लगने के बाद बुखार और खून के थक्के जमने की समस्या हुई। उन्होंने कहा कि यह पक्का नहीं है कि इसके लिए टीका जिम्मेदार था, लेकिन उनका दोस्त अब दूसरी खुराक नहीं लगवाना चाहता। देश में ऐसे अनेक लोग हैं जो टीके के दुष्प्रभाव की घटनाओं का उदाहरण देकर टीका नहीं लगवाना चाहते।

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अध्ययन से पता चलता है कि साधारण एयर फिल्टर प्रदूषण के साथ-साथ वायरस को प्रभावी ढंग से दूर रख सकते हैं
International अध्ययन से पता चलता है कि साधारण एयर फिल्टर प्रदूषण के साथ-साथ वायरस को प्रभावी ढंग से दूर रख सकते हैं

अध्ययन से पता चलता है कि साधारण एयर फिल्टर प्रदूषण के साथ-साथ वायरस को प्रभावी ढंग से दूर रख सकते हैं हार्डवेयर की दुकान पर आसानी से मिलने वाले सामान से बने वायु फिल्टर भी न केवल लोगों को विषाणुओं के संक्रमण से बचा सकते हैं बल्कि रासायनिक प्रदूषकों से भी रक्षा कर सकते हैं। यह दावा एक नवीनतम अध्ययन में किया गया है। अध्ययन के मुताबिक कोर्सी रोसेंथल बॉक्स या घन नामक इस फिल्टर को हार्डवेयर पर आसानी से मिलने वाले एमईआरवी-13 फिल्टर, डक्ट टेप, 20 इंच के बॉक्स पंखे और कार्डबोर्ड के डिब्बों की मदद से बनाया जा सकता है। अध्ययन के मुख्य अनुसंधानकर्ता और अमेरिका स्थित ब्राउन यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर जोसफ ब्राउन ने बताया, ‘‘अध्ययन से साबित हुआ है कि सस्ते और आसानी से बनाए जाने वाले डिब्बानुमा इस फिल्टर से न केवल विषाणुओं से बल्कि रासायनिक प्रदूषकों से भी बचाव हो सकता है।’’ ब्राउन ने बयान में कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य में सहायक यह सहज फिल्टर, सामुदायिक समूहों को वायु गुणवत्ता और उनका स्वास्थ्य सुधारने के लिए कदम उठाने हेतु सशक्त करेगा।’’ परियोजना के तहत इन डिब्बों को विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय परिसर के सदस्यों ने बनाया और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और संस्थान की अन्य इमारतों में लगाया गया।’’ रासायनिक कणों के स्तर को हवा में न्यूनतम करने के लिए इस घन आकार के डिब्बों का प्रभाव जानने के उद्देश्य से ब्राउन और उनकी टीम ने कमरे में डिब्बे रखने से पहले और बाद में वाष्प रूप में मौजूद रासायनिक कणों की सघनता जांची। अध्ययन के परिणामों को जर्नल ‘‘एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी’’ में प्रकाशित किया गया है, जिसके मुताबिक रोसेंथन बॉक्स के इस्तेमाल से 17 कमरों में उल्लेखनीय रूप से कई पीएफएएस और फाथलेट्स कणों के स्तर में कमी आई। यह प्रयोग फरवरी और मार्च 2022 के दौरान किया गया। गौरतलब है कि पीएफएएस कृत्रिम रसायन होता है जो क्लीनर, कपड़ा और तारों के ऊपर लगे कुचालक में मिलता है और इस बॉक्स की मदद से इनके स्तर में 40 से 60 प्रतिशत की कमी आई। फाथलेट्स आमतौर पर निर्माण सामग्री और निजी देखभाल की सामग्री में मिलता है और इन डिब्बों से इनके स्तर में 30 से 60 प्रतिशत कमी लाने में मदद मिली। ब्राउन ने बताया कि पीएफएएस और फाथलेट्स से दमा, टीकों का असर कम होने, जन्म के समय कम वजन, बच्चों के दिमागी विकास में अवरोध सहित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती है।

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तीन कंबोडियाई डॉल्फिन की मौत से पर्यावरण संरक्षणवादी चिंतित
International तीन कंबोडियाई डॉल्फिन की मौत से पर्यावरण संरक्षणवादी चिंतित

तीन कंबोडियाई डॉल्फिन की मौत से पर्यावरण संरक्षणवादी चिंतित कंबोडिया में 10 दिन से भी कम समय के अंतराल में तीन विलुप्तप्राय डॉल्फिन की मौत संरक्षणवादियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने सोमवार को घोषणा की कि इतने कम समय में तीसरी स्वस्थ डॉल्फिन की मौत ‘‘बढ़ती चिंताजनक स्थिति और डॉल्फिन के आवास में गहन कानून प्रवर्तन उपायों की तत्काल आवश्यकता’’ को रेखांकित करती है। बयान में कहा गया है कि हाल में इरावदी डॉल्फिन की मौत संभवत: मछली पकड़ने के एक अवैध जाल की डोर में उलझने से हुई। इसमें कहा गया है कि इस घटना ने मेकोंग रिवर डॉल्फिन नाम की इस प्रजाति को बचाने के लिए कानून प्रवर्तन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बताया कि एक स्वस्थ मादा डॉल्फिन क्रेटी प्रांत में शनिवार को नदी में मृत मिली। इसकी उम्र तकरीबन सात से 10 साल थी। इसमें कहा गया है कि मृत डॉल्फिन के पोस्टमार्टम से पता चला है कि साढ़े छह फुट लंबी और 93 किलोग्राम वजनी डॉल्फिन मछली पकड़ने के जाल की डोरी में फंस गई थी। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कंबोडिया के निदेशक सेंग टीक ने बयान में कहा कि यदि ‘‘डॉल्फिन संरक्षित क्षेत्र में मछलियां पकड़ने की अवैध गतिविधियों में हाल की बढ़ोतरी’’ पर तत्काल कदम नहीं उठाया गया तो देश में मेकोंग रिवर डॉल्फिन नष्ट हो जाएगी। कंबोडिया में इरावदी डॉल्फिन की पहली गणना 1997 में हुई थी जिसमें उनकी कुल संख्या लगभग 200 थी। वर्ष 2020 में इनकी संख्या गिरकर करीब 89 रह गई। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बताया कि 2022 में 11 डॉल्फिन की मौत हुई और पिछले तीन वर्षों में कुल 29 डॉल्फिन की मौत हुई है।

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चीन में कोविड का प्रकोप, आईसीयू भरे
International चीन में कोविड का प्रकोप, आईसीयू भरे

चीन में कोविड का प्रकोप, आईसीयू भरे चीन की राजधानी बीजिंग से करीब 70 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम स्थित औद्योगिक हेबेई प्रांत के काउंटी अस्पताल में याओ रुआन हताश खड़ी हैं क्योंकि उनकी सास कोविड से संक्रमित है और तत्काल इलाज की जरूर है परंतु आसपास के सभी अस्पताल मरीजों से भरे हैं। चीन में कोविड- महामारी की नयी लहर में लगभग यही स्थिति है। रुआन अपने फोन पर किसी से बात करते हुए लगभग चिल्लाते हुए कहती सुनाई देती है, ‘‘ वे कह रहे हैं कि बिस्तर खाली नहीं है।’’ चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है। छोटे शहरों और दक्षिण पश्चिम बीजिंग के अस्पतालों के आपात चिकित्सा इकाई मरीजों से भरी हैं। एंबुलेंस को ही आपात चिकित्सा कक्ष में तब्दील कर इलाज किया जा रहा है और मरीजों के तीमारदार अस्पताल में एक खाली बिस्तर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालात यह है कि मरीजों को अस्पतालों के गलियारों और जमीन पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है क्योंकि बिस्तरों की कमी है। रुआन की बुजुर्ग सास करीब एक सप्ताह पहले कोविड-19 की चपेट में आई थीं। उन्होंने बताया किवह सबसे पहले स्थानीय अस्पताल गईं जहां पर स्कैनिंग के दौरान फेफड़ों में निमोनिया जैसे लक्षण हाने के संकेत मिले, लेकिन वहां पर कोविड के गंभीर मामलों का इलाज करने की व्यवस्था नहीं थी। रुआन ने बताया कि इसके बाद वह लंबी दूरी तय कर बगल की काउंटी (प्रशासनिक इकाई) के बड़े अस्पतालों में गईं। उन्होंने बताया कि वह अपने पति के साथ अस्पताल-दर अस्पताल गई लेकिन सभी वार्ड भरे मिले, वहां से वापस आकर अपने गृह नगर झोझोउ अस्पताल आईं लेकिन वहां भी हताश हाथ लगी। रुआन ने कहा, ‘‘वह आक्रोशित है। मेरे लिए बहुत उम्मीद नहीं बची है। हम लंबे समय से घर से बाहर हैं और भयभीत हैं क्योंकि उन्हें (सास को) सांस लेने में मुश्किल हो रही है।’’ एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने गत दो दिनों में हेबेई प्रांत के बाओडिंग और लांगफांग के कस्बों और छोटे शहरों के पांच अस्पतालों और दो श्मशानों का दौरा किया। सरकार द्वारा कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद महामारी ने सबसे अधिक विकराल रूप इसी इलाके में लिया। कई दिनों तक घर में रहने के बाद अब कई उबर चुके हैं और युवा अपने काम पर लौट चुके हैं, लेकिन बुजुर्ग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं और आपात चिकित्सा इकाई पर बोझ है।

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विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है
International विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है

विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी समझौते के बाद भारत को राष्ट्रीय लक्ष्यों को संरेखित करने की जरूरत है संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन सीओपी15 में प्रकृति की रक्षा के लिए यहां पिछले हफ्ते ऐतिहासिक समझौता होने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लिए अब प्रमुख चुनौती वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (जीबीएफ) के साथ राष्ट्रीय लक्ष्यों का तालमेल बिठाना और सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण के लिए प्रभावी उपाय करना है। जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन सीओपी15 (15वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़)सफलतापूर्वक संपन्न हो गया जिसमें भारत सहित लगभग 200 देशों ने प्रकृति की सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र के नुकसान की भरपाई के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते की राह आसान नहीं रही क्योंकि इसे चार साल तक चली गहन माथापच्ची के बाद इस सम्मेलन में अंजाम तक पहुंचाया गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने किया। उनके साथ सरकारी अधिकारियों की एक टीम थी। यादव ने कहा कि भारत ने सीओपी अध्यक्ष और जैविक विविधता संधि सचिवालय के साथ जोरदार तरीके से अपना पक्ष रखा।उन्होंने कहा, विश्व स्तर पर सभी लक्ष्यों और उद्देश्यों को रखने के भारत के सुझावों को अन्य प्रस्तावों के साथ स्वीकार कर लिया गया। पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ) के वास्ते भारत की वकालत, और सामान्य लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं को जीबीएफ में जगह मिली। पिछले साल ग्लासगो में सीओपी26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘लाइफ’ पहल की शुरुआत की गई थी। इस पहल में पर्यावरण संरक्षण के लिए संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की बात कही गई है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के पूर्व प्रमुख विनोद माथुर ने सहमति जताते हुए कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने विकासशील दक्षिण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने में खासा योगदान किया। वास्तव में, जैव विविधता के मामले में समृद्ध अधिकतर देश एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच स्थित हैं। चीन की मध्यस्थता वाला समझौता भूमि, महासागरों और प्रजातियों को प्रदूषण, क्षरण एवं जलवायु परिवर्तन से बचाने पर केंद्रित है। जीबीएफ का लक्ष्य 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि, अंतर्देशीय जल और महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करना है। भारत पहले से ही 113 से अधिक देशों के समूह-उच्च महत्वाकांक्षा गठबंधन (एचएसी) का सदस्य है, जिसका उद्देश्य 2030 तक दुनिया के 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षण के दायरे में लाना है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीओपी15 सम्मेलन में जैव विविधता को बचाने के लिए ऐतिहासिक सौदे के हिस्से के रूप में अपनाए गए ‘डीएसआई’ के जरिए प्रौद्योगिकी कंपनियों जैसे उपयोगकर्ताओं से भारत जैसे देशों के लिए धन का प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। एनबीए सचिव जस्टिन मोहन ने कहा, डीएसआई के वास्तविकता बनने के साथ ही, जैव विविधता से समृद्ध विकासशील देशों को अपनी जैव विविधता के संरक्षण के लिए धन मिलने से लाभ होगा। यह उन मूल समुदायों की मदद करेगा जो जैव विविधता का संरक्षण करते हैं और पारंपरिक ज्ञान से जुड़े हैं।” डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के नीति अनुसंधान और विकास प्रमुख गुइडो ब्रोखोवेन ने कहा कि डीएसआई वास्तव में संरक्षण पर अधिक महत्वाकांक्षी प्रयासों को वित्तपोषित कर भारत को लाभान्वित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि संरक्षण के इन बढ़ते प्रयासों से संबंधित जैव विविधता वित्त में वृद्धि होगी।’’ ब्रोखोवेन ने उल्लेख किया कि जीबीएफ के लक्ष्य और उद्देश्यों की प्रकृति वैश्विक है। उन्होंने कहा, भारत सहित देशों को अब इन्हें अपनी राष्ट्रीय योजनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों में बदलने की आवश्यकता है।

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रूस ने अपने इंगेल्स एयरबेस के पास यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया
International रूस ने अपने इंगेल्स एयरबेस के पास यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया

रूस ने अपने इंगेल्स एयरबेस के पास यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया रूसी सेना का कहना है कि सोमवार को उसने देश के अंदरूनी हिस्से में स्थित एयरबेस की ओर आ रहे एक यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया। इस महीने में दूसरी बार रूसी एयरबेस को निशाना बनाने का प्रयास किया गया है और देश में इतने भीतर तक ड्रोन के घुस आने को लेकर देश की हवाई सुरक्षा क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि घटना सोमवार तड़के की है और एंजिल्स एयरबेस पर मलबे की चपेट में आकर तीन सैनिकों की मौत हो गई। गौरतलब है कि इस एयरबेस में परमाणु हथियार क्षमता वाले टीयू-95 और टीयू-160 लड़ाकू विमान मौजूद हैं जो लगातार यूक्रेन पर हुए हमलों में शामिल रहे हैं। एंजिल्स एयरबेस यूक्रेनी सीमा से 600 किलोमीटर से ज्यादा दूर रूस के सारातोव क्षेत्र में वोल्गा नदी पर स्थित है। मंत्रालय ने कहा कि रूसी विमानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। यूक्रेनी ड्रोनों ने दूसरी बार एंजिल्स एयरबेस को निशाना बनाया है और पहली घटना पांच दिसंबर की है। यूक्रेनी वायुसेना के प्रवक्ता युरी इनहाट ने सोमवार को यूक्रेनी टीवी से बातचीत में ड्रोन वाली घटना में अपने देश की संलिप्तता को सीधे-सीधे स्वीकार नहीं किया, लेकिन कहा कि ‘‘यह रूसी जंग का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर रूसियों ने यह सोचा कि युद्ध से वे भीतर तक प्रभावित नहीं होंगे तो, वे बहुत गलत हैं।’’ यूक्रेनी अधिकारियों ने कभी भी रूसी सीमा में ड्रोन भेजने पुष्टि नहीं की है। उन्होंने रूसी सैन्य बेस पर ड्रोन हमले सहित पिछले किसी भी हाई-प्रोफाइल हमले पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया है।

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पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली
International पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सोमवार को तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। एक दिन पहले राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। प्रचंड रविवार को नाटकीय रूप से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले चुनाव पूर्व हुए गठबंधन से बाहर हो गए और विपक्ष के नेता के.

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प्रचंड:माओवादी गुरिल्ला से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाला व्यक्तित्व
International प्रचंड:माओवादी गुरिल्ला से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाला व्यक्तित्व

प्रचंड:माओवादी गुरिल्ला से तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाला व्यक्तित्व हिंदू राजतंत्र के खिलाफ एक दशक तक खूनी विद्रोह करने वाले पूर्व माओवादी गुरिल्ला एवं ‘प्रचंड’ के नाम से लोकप्रिय पुष्प कमल दहल अब नेपाल के नए प्रधानमंत्री हैं। नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन से आश्चर्यजनक रूप से अलग होने और राष्ट्रपति द्वारा दी गई समयसीमा के रविवार को समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने वाले 68 वर्षीय प्रचंड को राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।

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उत्तर कोरिया के ड्रोन ने किया हवाई क्षेत्र का उल्लंघन; दक्षिण कोरिया ने भेजे लड़ाकू विमान
International उत्तर कोरिया के ड्रोन ने किया हवाई क्षेत्र का उल्लंघन; दक्षिण कोरिया ने भेजे लड़ाकू विमान

उत्तर कोरिया के ड्रोन ने किया हवाई क्षेत्र का उल्लंघन; दक्षिण कोरिया ने भेजे लड़ाकू विमान दक्षिण कोरिया की सेना ने सोमवार को देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने वाले कई उत्तर कोरियाई ड्रोन पर हमले के लिए लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया और चेतावनी देते हुए गोलीबारी की। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पांच साल में यह पहली बार है, जब उत्तर कोरिया के मानवरहित विमानों (ड्रोन) ने दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया है। दक्षिण कोरिया के सैन्य अधिकारियों ने कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना ने उत्तर कोरिया से सीमा पार कर आए पांच ड्रोन का पता लगाया, जिनमें से एक राजधानी क्षेत्र के उत्तरी भाग तक जा पहुंचा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, उत्तर कोरिया के ड्रोन को मार गिराने के लिए दक्षिण कोरिया की सेना ने चेतावनी देते हुए गोलीबारी की और लड़ाकू विमान तथा हमलावर हेलीकॉप्टर भेजे। हमलावर हेलीकॉप्टरों से 100 गोलियां दागी गईं। हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि किसी उत्तर कोरियाई ड्रोन को मार गिराया गया या नहीं। मंत्रालय ने कहा कि जमनीन पर आम लोगों को किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि एक हल्का लड़ाकू विमान केए-1 उड़ान भरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन इसके दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए। उन्होंने कहा कि सियोल और इसके आसपास असैन्य हवाई अड्डों से अस्थायी रूप से उड़ान परिचालन रोकने को कहा गया है। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं। ऐसा 2017 के बाद पहली बार हुआ है, जब उत्तर कोरिया के ड्रोन दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में घुसे हैं। इससे पहले 2017 में उत्तर कोरियाई ड्रोन दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्र में घुस गए थे। दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने पहले कहा था कि उत्तर कोरिया के पास लगभग 300 ड्रोन हैं। कई संदिग्ध उत्तर कोरियाई ड्रोन 2014 में दक्षिण कोरिया के सीमा क्षेत्र में देखे गए थे।

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सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ने सिख समुदाय के योगदान की प्रशंसा की
International सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ने सिख समुदाय के योगदान की प्रशंसा की

सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री ने सिख समुदाय के योगदान की प्रशंसा की सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थरमन शणमुगरत्नम ने देश में सिख समुदाय के योगदान की प्रशंसा की। वह यहां दक्षिण-पूर्व एशिया में सिखों के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के 10वें संस्करण में शामिल हुए। सामाजिक नीतियों के समन्वय मंत्री थरमन द्विवार्षिक ‘नाम रस कीर्तन दरबार’ कार्यक्रम में गए जिसका आयोजन चार साल के अंतराल पर सिंगापुर एक्सपो में 23 से 26 दिसंबर के बीच किया गया। थरमन ने 24 दिसंबर को कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘‘ सिख समुदाय अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंख्यक है लेकिन उसने अपना विशेष स्थान बनाया है और इसे समायोजित किया गया है और उसकी संस्कृति का उत्सव हमारे समाज में मनाया जाता है, जैसा कि हम जानते हैं कि सिंगापुर में हम सभी एक हैं। सिख समुदाय की जीवंतता निरंतर इसे अच्छी तरह से प्रदर्शित करती है। ’’ इस कार्यक्रम में करीब 40 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। मंत्री ने कार्यक्रम और लंगर में भाग लिया और सिख समुदाय को संबोधित किया। कीर्तन दरबार में भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया, थाईलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका की सिख हस्तियों ने भी हिस्सा लिया। ब्रिटेन में रह रहे भारतीय मूल के चित्रकार अमनदीप सिंह ने सिख गुरुओं की बनाई गई अपनी पेंटिंग प्रदर्शित की।

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अफगानिस्तान में एनजीओ में महिलाओं के काम करने पर रोक को लेकर संरा अधिकारी की मंत्री से मुलाकात
International अफगानिस्तान में एनजीओ में महिलाओं के काम करने पर रोक को लेकर संरा अधिकारी की मंत्री से मुलाकात

अफगानिस्तान में एनजीओ में महिलाओं के काम करने पर रोक को लेकर संरा अधिकारी की मंत्री से मुलाकात संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा है कि अफगानिस्तान शासन द्वारा महिलाओं को गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में काम करने से रोकने के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को राजधानी काबुल में तालिबान सरकार के एक मंत्री से मुलाकात की। यह कदम अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदियों में नवीनतम है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने शनिवार को महिलाओं के घरेलू और विदेशी एनजीओ में काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही सभी गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को महिला कर्मचारियों की भर्ती नहीं करने का आदेश दिया। यह आदेश वित्त मंत्री कारी दीन मोहम्मद हनीफ के एक पत्र में आया था, जिसमें कहा गया था कि अगर कोई एनजीओ आदेश का पालन नहीं करता है, तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि उसे एनजीओ के लिए काम करने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में ‘‘गंभीर शिकायतें’’ मिली हैं, जो ‘‘सही तरह से हिजाब नहीं पहनती हैं।’’ अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक ट्वीट में कहा कि उसके कार्यवाहक प्रमुख रमीज अलकबरोव ने सोमवार को हनीफ से मुलाकात की और प्रतिबंध हटाने की मांग की। संयुक्त राष्ट्र ने कहा, ‘‘लाखों अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता की जरूरत है और बाधाओं को हटाना जरूरी है।’’ प्रतिबंधों की घोषणा के बाद से चार प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसी ने अफगानिस्तान में अपने कार्यों को यह कहते हुए बंद कर दिया कि वे अपनी महिला कर्मियों के बिना प्रभावी रूप से लोगों तक नहीं पहुंच सकतीं। ‘सेव द चिल्ड्रेन’, द इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी,‘नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल’ और ‘केयर’मानवीय परिस्थितियों में गिरावट के बीच स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, बाल संरक्षण और पोषण सेवाएं और सहायता प्रदान कर रही हैं।

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नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया
International नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

नेपाल में नयी सरकार बनने के बाद राजनीतिक विश्लेषकों ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यहां सत्ता में कोई भी सरकार क्यों न आये, सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक नजदीकी के चलते नेपाल और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाये रखने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के नये प्रधानमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली। भारत में नेपाल के राजदूत रह चुके नीलांबर आचार्य ने कहा कि नयी सरकार को भारत के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध बनाये रखने की जरूरत है, हालांकि हर शासन की कार्य शैली में अंतर हो सकते हैं। प्रचंड (68) को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। प्रचंड ने निवर्तमान प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की पार्टी नेपाली कांग्रेस नीत पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन को अचानक छोड़ दिया और राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय सीमा रविवार को समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश कर दिया था। प्रचंड ने प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ ली है। आचार्य ने कहा, ‘‘बेशक, भारत के साथ हमारी कुछ समस्याएं हैं और इस तरह के मुद्दे से निपटने की मौजूदा सरकार की शैली पूर्ववर्ती सरकार से अलग हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीमा विवाद सहित इन सभी मुद्दों को राजनयिक माध्यमों से हल किये जाने की जरूरत है।’’ पूर्व राजनयिक ने कहा, ‘‘कभी-कभी हमें विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों से निपटने में खुली कूटनीति को आगे बढ़ाने की जरूरत होगी।’’ प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली शनिवार तक एक दूसरे के कटु आलोचक थे। हालांकि, उन्होंने रविवार को सत्ता-साझेदारी के लिए आपस में हाथ मिला लिया। काठमांडू में अचानक हुए इस राजनीतिक घटनाक्रम का असर भारत-नेपाल संबंध के लिए अच्छा नहीं हो सकता है क्योंकि प्रचंड और उनके मुख्य समर्थक ओली का अतीत में भू-भाग के मुद्दे को लेकर नयी दिल्ली के साथ कुछ गतिरोध रहा है। प्रचंड को व्यापक रूप से चीन समर्थक माना जाता है।

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कड़ाके की ठंड, यात्रा व्यवधान : अमेरिका में जानलेवा तूफान का कहर जारी
International कड़ाके की ठंड, यात्रा व्यवधान : अमेरिका में जानलेवा तूफान का कहर जारी

कड़ाके की ठंड, यात्रा व्यवधान : अमेरिका में जानलेवा तूफान का कहर जारी अमेरिका में आए घातक तूफान के चलते देश के कई हिस्सों में भीषण ठंड जारी है। पश्चिमी न्यूयॉर्क में लोगों को भारी हिमपात का सामना करना पड़ रहा है और इस स्थिति के चलते उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं तथा सड़कें भी अवरुद्ध हो रही हैं। अमेरिका में तूफान से कम से कम 34 लोगों की मौत हुई है। हजारों घरों और व्यवसायों की बिजली गुल है। मृतकों की संख्या में अभी और बढ़ोतरी होने की आशंका है। देश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी को ठंड के मौसम संबंधी किसी न किसी परामर्श या चेतावनी का सामना करना पड़ रहा है। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने रविवार को कहा कि अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र का आधा हिस्सा ठंडी हवाओं की चपेट में है। तूफान संबंधी हवाएं और हिमपात ने बफ़ेलो के लिए भी स्थिति कठिन कर दी है। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा कि शनिवार को शहर में वाहन फंसे नजर आए। उन्होंने लोगों से क्षेत्र में वाहनों के आवागमन पर लगाए गए प्रतिबंध का सम्मान करने की अपील की। अधिकारियों ने कहा कि हवाई अड्डा मंगलवार सुबह तक बंद रहेगा। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने कहा कि बफ़ेलो नियाग्रा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार सुबह सात बजे कुल 43 इंच (1.

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पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ का विमोचन, सुनील आंबेकर ने कहा- विश्व शांति के लिए जरूरी है हिन्दुत्व
National पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ का विमोचन, सुनील आंबेकर ने कहा- विश्व शांति के लिए जरूरी है हिन्दुत्व

पुस्तक ‘हिन्दुत्व: एक विमर्श’ का विमोचन, सुनील आंबेकर ने कहा- विश्व शांति के लिए जरूरी है हिन्दुत्व नई दिल्ली। प्रख्यात कवि, आलोचक एवं संपादक डॉ.

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Ukraine के राष्ट्रपति ने PM मोदी से फोन पर की बात, G20 की अध्यक्षता समेत इन मुद्दों पर हुई बात
International Ukraine के राष्ट्रपति ने PM मोदी से फोन पर की बात, G20 की अध्यक्षता समेत इन मुद्दों पर हुई बात

Ukraine के राष्ट्रपति ने PM मोदी से फोन पर की बात, G20 की अध्यक्षता समेत इन मुद्दों पर हुई बात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। इस बात की जानकारी खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ट्वीट कर दी है। अपने ट्वीट में उन्होंने बताया कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर बातचीत की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने सफल जी-20 की अध्यक्षता के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। जेलेंस्की ने आगे कहा कि इसी मंच पर मैंने शांति सूत्र की घोषणा की थी और अब मुझे इसके कार्यान्वयन में भारत की भागीदारी पर भी पूरा भरोसा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने आगे बताया कि मैंने संयुक्त राष्ट्र में मानवीय सहायता और समर्थन के लिए भी पीएम मोदी का धन्यवाद किया है।  इसे भी पढ़ें: Russia-Ukraine War | जंग खत्म करने के मूड में आये Vladimir Putin!

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कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर
National कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर

कोहरे और शीत लहर की चपेट में उत्तर भारत, ट्रेनों की आवाजाही पर पड़ रहा असर नयी दिल्ली। देश के उत्तर और उत्तर पश्चिम के कुछ हिस्सों में सोमवार को कहीं घने और कहीं बहुत घने कोहरे की चादर छायी रही तथा दृश्यता घटने के कारण इन क्षेत्रों में ट्रेनों के आवागमन में भी देरी हुई। कई कस्बों और शहरों में तापमान में गिरावट के साथ क्षेत्र में भीषण शीत लहर चली। दिल्ली में घने कोहरे के कारण कुछ इलाकों में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ। रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि 10 ट्रेन 1.

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अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित
National अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित

अब्दुल बारी सिद्दीकी को नित्यानंद राय का जवाब, कहा- भारत में अन्य जगहों की तुलना में अल्पसंख्यक अधिक सुरक्षित पटना। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सोमवार को कहा कि देश में सभी अल्पसंख्यक समूह दुनिया के अन्य जगहों के मुकाबले कहीं ज्यादा सुरक्षित हैं। बिहार में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान राय ने उक्त बात राजद के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी की एक हालिया टिप्पणी के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘‘देश में माहौल’’ के कारण वह चाहते हैं कि उनके बच्चे विदेश में ही बस जाएं। राय ने कहा कि सभी अल्पसंख्यक समूह जिसमें सिद्दीकी जिस ओर इशारा कर रहे हैं, वे भी शामिल हैं, दुनिया में कहीं और से ज्यादा देश में सुरक्षित हैं।

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लालू के खिलाफ सीबीआई ने फिर खोला मामला, महागठबंधन ने जताया आक्रोश
National लालू के खिलाफ सीबीआई ने फिर खोला मामला, महागठबंधन ने जताया आक्रोश

लालू के खिलाफ सीबीआई ने फिर खोला मामला, महागठबंधन ने जताया आक्रोश पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन ने राजद के संस्थापक अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ फिर से भ्रष्टाचार का मामला खोले जाने की खबरों पर सोमवार को आक्रोश जताया। केन्द्रीय एजेंसी जिस पर भाजपा का विरोध करने वाली पार्टियां अक्सर आरोप लगाती रही है कि केंद्र में शासन करने वाली भगवा पार्टी के हाथों में एक राजनीतिक उपकरण बन गई है, ने प्रसाद के खिलाफ एक ऐसे मामले की जांच फिर से शुरू कर दी है जिसे उसने पिछले साल बंद कर दिया था।  बिहार के पूर्व मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता विजय प्रकाश ने उच्चतम न्यायालय की ‘‘पिंजरे में तोते’’ वाली टिप्पणी को याद किया जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सत्ता में थी, जिसमें ‘‘केंद्र में सरकार’’ द्वारा एजेंसी का ‘‘दुरुपयोग’’ करने का आरोप लगाया गया था। प्रकाश ने कहा कि हमें यकीन है कि लालू जी, जिनके खिलाफ सीबीआई ने इतने सारे मामले दर्ज किए हैं, सभी मामलों में बेगुनाह साबित होंगे, जिनमें ताजा मामला भी शामिल है।’’ अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद चारा घोटाले के कुछ मामलों में सजा काट रहे हैं।  वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं तथा गुर्दा प्रतिरोपण के बाद स्वस्थ होने के लिए वर्तमान में वह सिंगापुर में हैं। प्रसाद 2004-2009 तक रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से संबंधित भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहे हैं। मौजूदा मामले में उनके अलावा उनके छोटे पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनकी दो बेटियों रागिनी और चंदा का भी नाम शामिल है। राजद नेता प्रकाश के विचारों से बिहार मंत्रिमंडल में शामिल एक वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी भी इत्तेफाक रखते हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से संबंधित हैं। चौधरी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि सीबीआई केवल उन लोगों के पीछे जाती है जो भाजपा के विरोधी हैं। हम कभी भी किसी भाजपा नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एजेंसी को संज्ञान लेते हुए नहीं देखा है। बेशक राजनीतिक विरोधियों की छवि को धूमिल करने के लिए इन केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। जदयू नेता जिनकी पार्टी लगभग पांच महीने पहले भाजपा से नाता तोड़ नई सरकार बनाने के लिए महागठबंधन में शामिल हो गए थे, ने कहा, ‘‘हालांकि डरने की कोई बात नहीं है। लालू प्रसाद कई मामलों का सामना कर रहे हैं।

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Daily Diet For Strong Lungs । कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच करें इन चीजों का सेवन, फेफड़े होंगे मजबूत
Health Daily Diet For Strong Lungs । कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच करें इन चीजों का सेवन, फेफड़े होंगे मजबूत

Daily Diet For Strong Lungs । कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच करें इन चीजों का सेवन, फेफड़े होंगे मजबूत कोरोना वायरस एक बार फिर से दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। चीन, ब्राजील, अमेरिका सहित कई देशों में ओमीक्रॉन के नए सब-वैरिएंट बीएफ7 के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। इसी के साथ इन देशों में धीरे-धीरे मौतों का आकड़ा भी बढ़ने लग गया है। भारत में भी इस वैरिएंट के चार मामले सामने आ गए हैं, इसी के साथ देशभर में खतरे की आहात सुनाई देने लगी है। कोरोना वायरस के सभी वैरिएंट लोगों के फेफड़ों पर वार करते हैं, इसलिए इस समय में इनका ख्याल रखा जाना सबसे जरुरी हो गया है।

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‘सुशांत सिंह राजपूत की हुई थी हत्या’, Cooper Hospital के मॉर्चरी सर्वेंट का दावा, शरीर पर थे चोट के निशान
Bollywood ‘सुशांत सिंह राजपूत की हुई थी हत्या’, Cooper Hospital के मॉर्चरी सर्वेंट का दावा, शरीर पर थे चोट के निशान

‘सुशांत सिंह राजपूत की हुई थी हत्या’, Cooper Hospital के मॉर्चरी सर्वेंट का दावा, शरीर पर थे चोट के निशान मौत के लगभग ढाई सालों के बाद एक बार फिर से सुशांत सिंह राजपूत सुर्खियों में है। सुशांत सिंह राजपूत को लेकर कूपर अस्पताल में काम करने वाले व्यक्ति ने बड़ा दावा किया है। कूपर अस्पताल के मुर्दाघर में काम करने वाले रूपकुमार शाह ने साफ तौर पर कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के शव को देखकर ऐसा नहीं लगा कि उन्होंने आत्महत्या की है। उनके शरीर पर चोट के निशान थे।  अपने बयान में उन्होंने कहा कि जब मैंने सुशांत सिंह राजपूत का शव देखा तो यह आत्महत्या का मामला नहीं लगता था। उनके शरीर पर चोट के निशान थे। उन्होंने कहा कि मैं अपने सीनियर के पास गया, लेकिन उन्होंने कहा कि हम बाद में इस पर चर्चा करेंगे।  इसे भी पढ़ें: Rhea Chakraborty को मिल गया नया प्यार, सुशांत सिंह राजपूत को भुलाकर अब इस शख्स के साथ बसाएंगी घर

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