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राजनीतिक नेताओं को ‘जोकर’ करार देना, जोकरों के योगदान का अपमान है, हां, सच में
By DivaNews
24 December 2022
राजनीतिक नेताओं को ‘जोकर’ करार देना, जोकरों के योगदान का अपमान है, हां, सच में लेबर पार्टी के एक हालिया अभियान में अल्पकालिक प्रधानमंत्री लिज ट्रस और मौजूदा वित्त मंत्री जेरेमी हंट का जोकर के रूप में मजाक उड़ाया गया तथा इसके लिए बाकायदा उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर लाल नाक एवं रंगीन बाल के साथ जोकर जैसा हुलिया बना दिया गया। इस विज्ञापन ने पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की इसी तरह की आलोचनाओं की यादें ताजा कर दीं। यह निश्चित रूप से दर्शाने का ‘अवांछनीय और निंदनीय’ तरीका है क्योंकि कुछ लोगों को यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि जोकरों का राजनीति और समाज में सकारात्मक योगदान देने का एक लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और मानवीय प्रयासों को आनंद से भरने का कामयाब प्रयास किया है। इस साल की शुरुआत में, जोकरों ने यूक्रेन और मोल्दोवा की सीमा पर उन शरणार्थियों का स्वागत किया, जो युद्धग्रस्त इलाकों के अपने घरों को छोड़कर किसी तरह वहां पहुंचे थे। ‘इजराइली ड्रीम डॉक्टर्स प्रोजेक्ट’ के ये जोकर चिकित्सा क्षेत्र में जोकरों के योगदान की एक लंबी परंपरा का हिस्सा हैं। फ्रांसीसी पत्रिका ‘ले पेटिट जर्नल’ के वर्ष 1908 के संस्करण के पहले पन्ने पर जोकर लंदन के एक अस्पताल के वार्ड में बच्चों का मनोरंजन करते दिखाई दिए। चिकित्सक और विदूषक कार्यकर्ता पैच एडम्स द्वारा स्थापित संस्थान ‘द गेसुंडहाइट’ दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के समग्र मॉडल को बढ़ावा देने के लिए जोकरों का उपयोग करता है। स्वेच्छा से इन कार्यों में शामिल जोकर खुद को सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में देखते हैं, जिनमें से कई बड़ी कंपनियों में भी कार्यरत हैं। ‘द क्लेंडेस्टाइन इनसर्जेंट रेबेल क्लाउन आर्मी’ नामक समूह इराक में युद्ध के विरोध में खुलकर सामने आया और 2005 में स्कॉटलैंड के ग्लेनेगल्स में आयोजित जी-शिखर सम्मेलन में पहुंच गया तथा इस दौरान वे विरोध जताने के लिए पानी फेंकने वाली पिस्तौलें और नकली हथियार लहराते दिखे। जोकरों और विदूषकों ने कुछ सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों में भी योगदान दिया है। इस बात के सबूत हैं कि व्यंग्यात्मक विदूषक-परीक्षक ‘मिस्टर ट्रिपोस’ 15 वीं और 16 वीं शताब्दी में कैम्ब्रिज की मौखिक परीक्षाओं के दौरान तीन-पैर वाले स्टूल पर बैठते थे और अकसर व्यंग्यात्मक तरीके से उम्मीदवार से सवाल करते थे। इतिहास के कुछ सबसे प्रभावशाली जोकर ऐसे विदूषक रहे हैं जिन्होंने सत्ता के सामने सच बोला। मध्ययुगीन और पुनर्जागरण काल के शाही दरबारों में, उनकी भूमिका मुख्य रूप से मनोरंजन करने की थी, लेकिन यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों में जोकर भी राजाओं को चुनौती देते थे और उन्हें जवाबदेह ठहराते थे। विदूषकों ने शासक के गलत कदमों के खिलाफ आवाज बुलंद कर समुदायों में शांति बनाए रखने में भी योगदान दिया। चीन में, जब सम्राट किन शी हुआंग (259-210 ईसा पूर्व) ने चीन की विशाल दीवार का काम पूरा कर लिया, तो उन्होंने इस पर पेंट कराने का फैसला किया। यह केवल उनका विदूषक यू स्ज़े ही था जो इस परियोजना को रोकने में कामयाब रहा और इसके कारण होने वाली कई मौतों को रोक सका। दक्षिण भारत के मशहूर विदूषक तेनाली राम, जो सम्राट कृष्णदेवराय के दरबार में सलाहकार भी थे, ने उस सामाजिक रोष को रोका, जो एक नाई को उच्च ब्राह्मण जाति में पदोन्नत करने के कारण उत्पन्न होता। यह उनके कई सकारात्मक योगदानों में से एक कहानी का सिर्फ एक संस्करण है, जो अब बच्चों की किताबों और कार्टून के विषय के रूप में मशहूर है।
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