Pakistan में सिर्फ आटे की लूट नहीं मची है, वहां की सरकार और फौज की इज्जत भी लुट रही है
पाकिस्तान का आटा गीला हो गया है। जी हाँ, कंगाली के दौर में पहुँच चुकी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है जिससे वहां गृह युद्ध छिड़ने के आसार भी पैदा हो गये हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में लोग रोटी खाने तक के लिए तरस रहे हैं क्योंकि वह देश इस समय आटे की भीषण कमी की समस्या से जूझ रहा है। 10 किलो आटे की बोरी की कीमत हजारों रुपए में पहुँच गयी है जिससे गरीब लोगों के समक्ष भूखे मरने की नौबत आ गयी है। पाकिस्तानी हुक्मरान और फौज के लोग तो फिर भी अपना काम चला ले रहे हैं लेकिन जनता सड़कों पर उतर आई है। पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से इस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि लोग आटा लूट ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि आटा सप्लाई के लिए जो ट्रैक्टर जा रहा है उसके पीछे लोग लग जाते हैं। वीडियो के मुताबिक, पहले लोग पैसा देकर आटा लेना चाहते हैं लेकिन अब उनकी बात नहीं सुनी जाती तो लोग आटा लूटना ही शुरू कर देते हैं क्योंकि घर में चूल्हा खाली पड़ा है।
वहीं एक दूसरे वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि आटे की बोरी एक दूसरे से छीनने के लिए पाकिस्तानी जनता आपस में भिड़ी हुई है। वीडियो में एक व्यक्ति को तो लगता है कि जान से ज्यादा प्यारा आटा है। लोग उसे पीट रहे हैं लेकिन वह आटे की बोरी छोड़ने को तैयार ही नहीं होता। एक और तस्वीर में दिखाया जा रहा है कि आटे के लिए संघर्ष के दौरान उसकी मौत हो गयी। वहीं पाकिस्तानी मीडिया अपनी सरकार से सवाल कर रहा है कि जब पड़ोसी मुल्कों से सस्ता आटा मंगाया जा सकता है तो पाकिस्तान की सरकार हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठे हुए है। पाकिस्तानी मीडिया का ही एक धड़ा यह भी कह रहा है कि पाकिस्तान की सरकार पड़ोसी देशों से आटा मंगा तो सकती है लेकिन आटा मंगाने के लिए दरअसल उसके पास पैसे ही नहीं हैं। पाक मीडिया में यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के हुक्मरान दुनिया भर में भीख मांगते घूम रहे हैं लेकिन पड़ोसी देश से मदद मांगना उनको अपनी शान के खिलाफ लग रहा है। देखा जाये तो यही हालात रहे तो पाकिस्तान जल्द ही गृह युद्ध की ओर बढ़ता नजर आयेगा क्योंकि बात सिर्फ आटे की कमी की नहीं बल्कि बिजली की कमी की भी है। इस समय पाकिस्तान की जनता में सिर्फ अपनी सरकार ही नहीं बल्कि सेना के खिलाफ भी नाराजगी देखने को मिल रही है क्योंकि एक ओर जहां गरीब जनता भूखी मर रही है वहीं नेता और फौजी अफसर शान की जिंदगी जी रहे हैं और अपने विलासितापूर्ण जीवन का भोंडा प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
हम आपको यह भी बता दें कि दुनियाभर के देशों से दो-दो पैसा मांगने के लिए जिनेवा डोनर्स मीटिंग में गये पाकिस्तान को कुछ राहत वहां से मिल गयी है। लेकिन यह राहत अभी आश्वासनों में ही है। पाकिस्तान ने कहा है कि देश में पिछले साल आई भयावह बाढ़ के बाद पुनर्निर्माण में उसकी मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने 8.5 अरब डॉलर से अधिक की सहायता का वादा किया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जिनेवा में पाकिस्तान के प्रति उदारता वाला रुख दिखाने और मदद देने का आश्वासन देने वाले देशों का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘यूरोपीय संघ ने 9.3 करोड़ डॉलर का, जर्मनी ने 8.8 करोड़ डॉलर का, चीन ने 10 करोड़ डॉलर का, इस्लामिक विकास बैंक ने 4.2 अरब डॉलर का, विश्व बैंक ने 2 अरब डॉलर का, जापान ने 7.7 करोड़ डॉलर, एशियाई विकास बैंक ने 1.5 अरब डॉलर, यूएसएड ने 10 करोड़ डॉलर और फ्रांस ने 34.5 करोड़ डॉलर की सहायता का वादा किया है।’’
इसके अलावा अमेरिका ने पाकिस्तान को अतिरिक्त 10 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन 10 करोड़ डॉलर का इस्तेमाल बाढ़ के प्रभावों से निपटने, शासकीय कार्यों, रोग संबंधी निगरानी, आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु स्मार्ट कृषि, खाद्य सुरक्षा व बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए होगा। बहरहाल, यहां पाकिस्तान की जनता को एक बात ध्यान देनी चाहिए कि जिस देश का शासक सुबह उठते ही यह सोचता हो कि आज किस देश से उधार मांगना है, उस देश की सरकार आखिर कैसे अपने अवाम का भला कर पायेगी?
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