पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की निर्धारित सेवानिवृत्ति से चंद दिनों पहले कहा है कि सरकार सेना प्रमुख की नियुक्ति और सेवा विस्तार के मामले में और अधिक अधिकार दिये जाने को लेकर 1952 के सेना अधिनियम में संशोधन की योजना बना रही है। रक्षा मंत्री आसिफ ने बुधवार को सरकार की योजना की पुष्टि की, लेकिन इस मुद्दे को मीडिया में तूल दिए जाने पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार पाकिस्तान सेना अधिनियम (पीएए) में किसी बड़े बदलाव पर विचार नहीं कर रही है।
आसिफ ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन 2019 के पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार आवश्यक था, जिसमें सेवा प्रमुखों के कार्यकाल पर कानून बनाने का आह्वान किया गया था। हालांकि, वह संशोधनों के दायरे और कानून की समय-सीमा के बारे में बताने को लेकर अनिच्छुक लगे। ‘डॉन’ अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, उन्होंने (रक्षा प्रमुख ने) कहा कि सेना संबंधित अधिनियम में कोई बड़े बदलाव पर विचार नहीं कर रही है और जो भी संशोधन किये जाने थे, उन्हें ‘‘उचित समय’’ पर किया जाएगा।
जनरल बाजवा (61) को तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था और वह 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। मंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘पाकिस्तान सेना अधिनियम में संशोधनों पर मीडिया का प्रचार अनावश्यक है। सरकार उक्त अधिनियम में किसी भी बड़े बदलाव पर विचार नहीं कर रही है। पाकिस्तान सर्वोच्च न्यायालय ने ‘सीपी 39/2019’ मामले के अपने फैसले में पाकिस्तान सेना अधिनियम (पीएए) की प्रासंगिक धाराओं की समीक्षा की मांग की थी, जिसका यथासमय अनुपालन किया जाएगा।’’
अपना नाम न छापने की शर्त पर एक सेवानिवृत्त रक्षा अधिकारी ने ‘डॉन’ को बताया कि ऐसा लगता है कि बनाए रखने की योजना मौजूदा सेना प्रमुख के अलावा किसी और के लिए नहीं थी। विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने पहले नये सेनाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर गहरी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन अब वह पीछे हट गए हैं। खान ने कहा है कि नये सेना प्रमुख की नियुक्ति के मुद्दे पर शहबाज़ सरकार के साथ उनकी पार्टी का कोई विवाद नहीं है।
Pakistan government plans to amend the army act will get more rights in appointment
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