पाकिस्तान के शीर्ष असैन्य-सैन्य नेतृत्व ने सोमवार को देश में आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का संकल्प लिया और हिंसा का सहारा लेने वाले किसी भी और हर तरह के संगठनों से निपटने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की 40वीं बैठक के पहले दौर के बाद दूसरे दौर की अध्यक्षता की। बैठक में सभी सेना प्रमुखों, प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों, खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों और अन्य उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, समिति को हाल की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें देश, विशेष रूप से खैबर-पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान प्रांतों में आतंकवादी हमलों में वृद्धि की सूचना शामिल है। बयान में कहा गया है, ‘‘एनएससी ने पाकिस्तान में आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने के अपने संकल्प को दोहराया और हिंसा का सहारा लेने वाली किसी भी और हर तरह की संस्थाओं पर कार्रवाई करने के अपने दृढ़ संकल्प को भी दोहराया। इससे राष्ट्र की पूरी ताकत के साथ निपटा जाएगा। पाकिस्तान की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’’ तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान की जमीन के इस्तेमाल का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए बैठक में संकल्प लिया गया कि किसी भी देश को इस तरह की गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Pakistans leadership vows zero tolerance towards terrorism
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