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पाक की शीर्ष अदालत ने इमरान के विरोध मार्च के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

पाक की शीर्ष अदालत ने इमरान के विरोध मार्च के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

पाक की शीर्ष अदालत ने इमरान के विरोध मार्च के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोध मार्च को रोकने के लिए दायर याचिका को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि यह एक राजनीतिक मुद्दा है जिसे सियासी रूप से हल किया जाना चाहिए। सत्तारूढ़ गठबंधन के सीनेटर कामरान मुर्तज़ा ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के ‘लॉन्ग मार्च’ के खिलाफ याचिका दायर की थी। 70 वर्षीय खान ने इस मार्च को “ हकीकी आज़ादी’’ (असली स्वतंत्रता) मार्च नाम दिया है।

प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। इस पीठ में न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह और न्यायमूर्ति आयशा मलिक शामिल हैं। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “ यह एक सियासी मुद्दा है जिसे राजनीतिक रूप से ही हल किया जा सकता है।” अदालत ने सीनेटर की याचिका को खारिज कर दिया। दलीलों के दौरान, प्रधान न्यायाधीश ने यह भी टिप्पणी की कि देश के सामने मौजूद राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए संसद को मज़बूत किया जाना चाहिए।

उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा, “ आप एक सीनेटर हैं, आप संसद को मज़बूत करें।” प्रधान न्यायाधीश ने यह भी साफ किया कि शीर्ष अदालत तब दखल देगी जब संविधान का उल्लंघन होने का साफ खतरा हो। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान हर किसी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति देता है लेकिन यह कानून के दायरे में होना चाहिए। न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा कि कानून-व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कार्यपालिका के पास व्यापक शक्तियां हैं और न्यायपालिका के हस्तक्षेप के कारण प्रशासन और संसद की शक्तियां कमजोर हो जाएंगी।

न्यायमूर्ति मलिक ने प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के पास मौजूद तंत्र के बारे में पूछा। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल चौधरी आमिर रहमान ने अदालत को बताया कि प्रशासन ने खान की पार्टी को इस्लामाबाद से लगभग 25 किलोमीटर दूर रावत में एक रैली करने के लिए कहा था और पीटीआई से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए एक हलफनामा भी मांगा था, लेकिन उसने अब तक इसे नहीं दिया। लाहौर से 28 अक्टूबर को शुरू हुआ मार्च इस्लामाबाद की ओर जा रहा है।

पीटीआई ने राजधानी में ताकत का प्रदर्शन करने की योजना का ऐलान किया है। इसके लिए अनुमति भी मांगी है लेकिन सरकार ने इसकी इजाज़त नहीं दी है। खान (70) की सरकार के खिलाफ इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। वह प्रस्ताव हार गए थे जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। उनका आरोप है कि यह अमेरिका की अगुवाई वाली साजिश का हिस्सा था।

Paks top court dismisses petition filed against imrans protest march

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