चीन की तरफ से ताइवान को दिए गए दो विशाल पांडां में से एक तुआन तुआन की संक्षिप्त बीमारी के बाद शनिवार को मौत हो गई। ताइपे के चिड़ियाघर ने यह जानकारी दी। पांडा की मौत की वजह के बारे में तत्काल जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि इससे पहले आ रही खबरों के अनुसार बताया गया था कि पांडा घातक ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित था, जिसकी खबर मिलते ही चीन ने इलाज में मदद के लिए इस महीने दो विशेषज्ञों को ताइवान भेजा गया था।
ताइवान की मीडिया में आईं खबरों के अनुसार तुआन तुआन के शरीर में कोई हरकत नहीं थी और शनिवार को कई बार दौरे पड़ने के कारण वह कोमा में चला गया था। चीन और ताइवान के बीच गर्मजोशी भरे संबंधो के दौरान साल 2008 में तुआन तुआन और युआन युआन को चीन ने उपहार में दिया था। ताइवान और चीन 1949 में गृह युद्ध के दौरान अलग-अलग हो गए थे। तुआन तुआन और युआन युआन का जन्म 2004 में चीन में हुआ था।
जंगल में रहने वाले पांडा की औसत आयु 15 से 20 साल होती है। मनुष्य की देखभाल में रहने पर वह 30 या उससे अधिक साल जी सकता है। पांडा की जोड़ी के ताइवान आने के बाद से चीन और ताइवान के रिश्तों में लगातार गिरावट आई है। चीन ने स्वतंत्रता समर्थक त्साई इंग-वेन के राष्ट्रपति बनने के बाद साल 2016 में ताइवान से संपर्क खत्म कर लिए थे। साल 2020 में हुए चुनाव में एक बार फिर त्साई इंग-वेन की जीत हुई।
Pandas death symbolizes better relations between china and taiwan
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