नयी दिल्ली। आत्मनिर्भर कौशल कर्मचारी नियोक्ता मैपिंग (असीम) पोर्टल के जरिये 350 से ज्याद नियोक्ताओं ने लगभग 29 लाख कुशल अभ्यर्थियों या नौकरी चाहने वालों का पता लगाया जिनमें से केवल 56 हजार अभ्यर्थियों को सुनिश्चित रोजगार प्राप्त हुए। इस स्थिति को संसद की एक समिति ने असंतोषजनक बताते हुए सरकार से सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिये गंभीरता से प्रयास करने को कहा है। लोकसभा में आठ दिसंबर को पेश ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का कार्यान्वयन’ विषय पर कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
बीजू जनता दल सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली समित की रिपोर्ट के अनुसार, आत्मनिर्भर कौशल कर्मचारी नियोक्ता मैपिंग (असीम) की परिकल्पना एक सहयोगी प्लेटफार्म के माध्यम से कौशल प्राप्त कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच संबंध बनाने के उद्देश्य से किया गया था। संसदीय समिति ने कहा कि इस पोर्टल का मकसद बाजार की मांग एवं कुशल कार्यबल की आपूर्ति में सामंजस्य स्थापित करना है जिससे आजीविका का बेहतर अवसर प्राप्त हो सके। कौशल एवं उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार, असीमपोर्टल के माध्यम से 350 से ज्याद नियोक्ताओं ने लगभग 29 लाख कुशल अभ्यर्थियों या नौकरी चाहने वालों का पता लगाया जिनमें से केवल 56 हजार अभ्यर्थियों को सुनिश्चित रोजगार प्राप्त होने की सूचना है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति यह महसूस करती है कि पोर्टल संतोषजनक नहीं है क्योंकि पंजीकृत अभ्यर्थियों और वास्तव में सुनिश्चित रोजगार पाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में बहुत अंतर है।’’ इसमें कहा गया कि समिति चाहती है कि मंत्रालय इस बारे में सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिये गंभीरतापूर्वक प्रयास करे ताकि पोर्टल पर पंजीकृत सभी सेक्टरों के नियोक्ताओं की संख्या बढ़ाई जा सके एवं अधिक से अधिक कुशल अभ्यर्थियों को काम पर रखने या रोजगार देने के उद्देश्य से पोर्टल का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके।
समिति ने यह भी कहा कि उद्योग भागीदारों/हितधारकों ने संबंधित रोजगार से जुड़े कार्य में प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ाने में कई प्रकार की बाधाएं बताई हैं। मंत्रालय के अनुसार, उद्योगों से जुड़े भागीदारों ने सूचित किया है कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं पाठ्यचर्या. उद्योग की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप नहीं है। साथ ही पीएमकेवीवाई प्रशिक्षण के तहत दिया गया व्यावहारिक कौशल उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप नहीं है।
इसमें कहा गया है कि अभ्यर्थी के प्लेसमेंट के ब्योरे की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया जटिल है और इसे सरल बनाने के लिये व्यापक प्रयास करने की जरूरत है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ समिति चाहती है कि मंत्रालय नियमित परामर्श के माध्यम से उद्योगों की जरूरतों के लिये अपने प्रयास जारी रखे और उद्योगों की चिंताओं को दूर करने के लिये सभी अपेक्षित कदम उठाये ताकि प्रशिक्षित/प्रमाणित अभ्यर्थियों का अधिक से अधिक प्लेसमेंट हो सके।
Parliament 29 lakh skilled candidates registered on aseem portal only 56000 got employment
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