Parliament: बुधवार से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र, सरकार ने कहा- हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार, विपक्ष की है यह रणनीति
संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है। हालांकि, बुधवार को दिल्ली नगर निगम के चुनाव नतीजे अभी आएंगे। इसके अलावा गुरुवार को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने वाले हैं। आज शीतकालीन सत्र को लेकर एक बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत विपक्षी दलों के कई नेता भी मौजूद रहे। इस बैठक में संसद के संचालन को लेकर चर्चा हुई है। सरकार की ओर से विपक्षी दलों से संसद को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सहयोग भी मांगा गया। वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने साफ तौर पर कहा है कि देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है। दूसरी ओर सरकार की ओर से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा है कि हम हर मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार हैं।
प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद कहा कि हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं। स्पीकर और चेयरमैन की अनुमति के बाद चर्चा होगी। 47 पार्टियों में से 31 पार्टियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया। अधीर रंजन चौधरी ने बैठक के बाद कहा कि हमने कॉलेजियम प्रणाली पर केंद्र और न्यायपालिका के बीच टकराव, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, भारत-चीन सीमा की स्थिति, जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को होने वाले खतरों, हिंदी बहस, संघीय ढांचे जैसे मुद्दों को सामने रखा है। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा कि हम सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी तथा सरकारी एजेंसियों के कथित दुरूपयोग के साथ केंद्र राज्य संबंध के विषय को भी उठाना चाहते हैं और बैठक में हमने इस बारे में अपनी बात रखी है। माना जा रहा है कि विपक्ष इन्हीं सब मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। इसका मतलब साफ है कि संसद के शीतकालीन सत्र में भी टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है।
बुधवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी के सांसदों की एक बैठक बुलाई है। इसके अलावा जानकारी यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह संवाददाताओं से बातचीत भी कर सकते हैं। खबर के मुताबिक संसद में सरकार की ओर से कई दिल को भी पेश करने की तैयारी की जा रही है। मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार 16 नए विधेयक पेश करेगी जिसमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं। आगामी सत्र में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग की स्थापना और दंत चिकित्सक कानून, 1948 को निरस्त करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है जिसमें राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग (एनएनएमसी) स्थापित करने एवं भारतीय नर्सिंग परिषद कानून 1947 को निरस्त करने का प्रस्ताव है।
Parliament winter session starting from wednesday