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इजरायल में 3.5 साल में पांचवी बार लोग कर रहे मतदान, PM मोदी के दोस्त नेतन्याहू कर सकते हैं वापसी

इजरायल में 3.5 साल में पांचवी बार लोग कर रहे मतदान, PM मोदी के दोस्त नेतन्याहू कर सकते हैं वापसी

इजरायल में 3.5 साल में पांचवी बार लोग कर रहे मतदान, PM मोदी के दोस्त नेतन्याहू कर सकते हैं वापसी

1 नवंबर यानी मंगलवार को इजरायल में वोटिंग हो रही है। पिछले साढ़े तीन साल में ये 5वीं दफा है जब इजरायल की जनता नई सरकार चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। इजरायल की कनेसेट (संसद) में कुल 120 सदस्य होते हैं और सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन के लिए 61 सदस्यों का समर्थन जुटाना जरूरी होता है। इजरायल में मतदान आज रात 10 बजे तक चलेगा और आधिकारिक परिणा 2 नवंबर को आने की उम्मीद है। जिसके बाद नए सरकार के गठन में करीब एक सप्ताह का वक्त लग सकता है। ऐसे में इजरायल के लोगों को अब ये तय करना है कि वे फिर नेतन्याहू को सत्ता सौपेंगे या फिर वामपंथी, लिबरल, कट्टपंथी और अरब पार्टियों के बेमेल गठबंधव की वापसी कराएंगे। हालांकि अभी तक के हुए सर्वे से जो चीज निकलकर सामने आई है कि पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है। 

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डेढ़ साल में ही आई से नौबत
यायर लैपिड इजरायल के अंतरिम पीएम बनाए गए। 58 साल के लैपिड इजरायल के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। इजरायल में आम चुनाव होने तक वो अंतरिम पीएम के तौर पर काम करेंगे। बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू को सत्ता से हटाने के लिए बेनेट और लैपिड ने आठ दलों के साथ गठबंधन किया था। गठबंधन सरकार को लेकर इजरायल की राजनीति पर नजर रखने वाले शुरू से ही इसके ज्यादा दिनों तक नहीं चलने की संभावना जता रहे थे। 
नेतन्याहू फिर बनेंगे PM
इन चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वापसी की पूरी कोशिश कर रहे हैं। नेतन्याहु के एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना मानी जा रही है। 73 वर्षीय नेतन्याहू इस्राइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं और सबसे ज्यादा ध्रुवीकरण करने वाले लोगों में से एक हैं। हालांकि, उसे अकेले के दम पर स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना कम है। इसलिए बहुत मुमकिन है कि नेतन्याहू प्री या पोस्ट पोल अलायंस के तहत सरकार बनाएं। बेनेट के अलायंस में दक्षिणपंथी पार्टियों के साथ ही लिबरल्स और अरब पार्टी।

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किसी भी दल को नहीं मिल पाता बहुमत
इज़रायल में आमतौर पर किसी भी दल को 120 सदस्यीय संसद में बहुमत नहीं मिल पाता। इसका मतलब है कि दलों को सरकार गठन के लिए आवश्यक 61 सीट के लिए गठबंधन करना होगा। इज़राइल में पिछले चार चुनाव में किसी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला। कभी-कभी गठबंधन केवल एक वोट से भी सरकार बनाने से चूक गए। नेतन्याहू का मुकाबला मौजूदा प्रधानमंत्री येर लापिद से है। लापिद को उम्मीद है कि उनकी मध्यमार्गी ‘येश अतिद पार्टी’दूसरे स्थान पर रहेगी। वहीं रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज़ अपनी नवगठित ‘नेशनल यूनिटी’ पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद में हैं।
 

People are voting in israel for the fifth time in 3 years netanyahu can return

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