राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करती कांग्रेस, आदिवासियों से पार्टी को परेशानी : पीएम मोदी
नेत्रंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पर आदिवासी समुदाय का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने इस साल की शुरुआत में हुए राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का भी विरोध किया था। गुजरात में भरूच जिले के आदिवासी इलाके नेत्रंग में जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया इस बात से चकित है कि भारत इतने कम समय में कोविड-19 की इतनी बड़ी महामारी से कैसे निपट सका। उन्होंने कहा कि देश के आदिवासियों के लिए कांग्रेस के मन में कोई सम्मान नहीं है.. हमने अपनी आदिवासी बेटी (द्रौपदी मुर्मू) को देश की राष्ट्रपति बनाने का फैसला किया।
हम (उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए) हाथ जोड़कर कांग्रेस के पास गए, लेकिन उन्होंने विरोध किया। हमने आदिवासी बेटी को चुनाव जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बिरसा मुंडा हों या गोविंद गुरु, कांग्रेस ने देश के आदिवासी नेताओं को सम्मान नहीं दिया।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप भयानक था। मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया ने इस भयानक महामारी का सामना किया। अगर हमारे घर पर कोई बीमार हो जाता है, तो हमें इससे (वित्तीय प्रभाव से) बाहर आने में चार से पांच साल लगते हैं। हमने इतने बड़े देश में महामारी का सामना किया। लेकिन, जिस तरह से हम बाहर आए उससे पूरी दुनिया हैरान है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे हुआ।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कारखाने बंद हो गए, लोगों को अपने गांव वापस जाना पड़ा। ऐसी परिस्थितियों में, हमारी पहली चिंता थी कि गरीबों के लिए पर्याप्त भोजन हो, किसी गरीब का बच्चा भोजन किए बिना न सोए। इसलिए हम पिछले तीन साल से 80 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन प्रदान कर रहे हैं।’’ मोदी ने कहा कि दूसरी बात, महामारी से लड़ने के लिए, टीकाकरण महत्वपूर्ण था। अब भी, कई देश अपनी पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम कोरोना-रोधी टीकों की 200 करोड़ से अधिक खुराक दे चुके हैं। दो खुराक के बाद, हमने एक बूस्टर खुराक भी मुफ्त प्रदान की है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान देश में क्रांति लेकर आया है।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में होती, तो आपका मोबाइल बिल लगभग 4,000 से 5,000 रुपये प्रति माह हो सकता था, जो अब न्यूनतम है। मोदी ने कहा, ‘‘हमने डेटा को किफायती बनाया।’’ प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के बारे में उन्होंने कहा कि पहले सरकारी योजनाओं के तहत बनने वाले मकानों की विशिष्टता गांधीनगर या दिल्ली में बैठे लोग तय करते थे। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमने नियम बदल दिए। दिल्ली में बैठे व्यक्ति को कैसे पता चलेगा कि मुर्गी पालन करने वाले आदिवासी व्यक्ति की क्या आवश्यकता है? हमने कहा कि आपको हमारे लोगों पर भरोसा करना चाहिए क्योंकि कोई भी अपने लिए घटिया घर नहीं बनाएगा।
Pm modi says that congress does not support aboriginal commutiny