कृपा करो मां दुर्गा (कविता)
शारदीय नवरात्रि धर्म की अधर्म पर और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्हीं नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर आती है। उनके आने की खुशी में इन दिनों को दुर्गा उत्सव के तौर पर देशभर में धूमधाम से मनाया जाता हैं।
तेरे इंतज़ार में मां दुर्गा हम लोग,
कब से तेरे दर पर यूं ही बैठे हैं।
काश तुम जल्दी से दर्शन दे दो,
यह आस हम लोग लगाए बैठे हैं।
दृढ़ विश्वास है हमें कि एक दिन,
आप हालात हमारे अवश्य समझोगी।
दिल में छुपे हुए जज़्बातों का तुम,
मां दुर्गा मोल अवश्य एक दिन समझोगी।
दुःख दर्द चलते रहते हैं दुनिया में,
यह जगत जननी मां दुर्गा की सब माया है।
मुझ नादान की गलतियों को मां,
आप ने कर्मों से ठीक करवाया है।
तेरे चरणों में जगह मिल जाएं माता,
यह इच्छा पूरी करने को जीवन पाया है।
आपके आशिर्वाद से जान गया मां,
धरा पर सब झूठी मोह माया है।
पूरी कर दो मुराद हमारी मां दुर्गा,
उम्मीद लगा मैं शरण तुम्हारी आया हूं।
मैं भक्त नादन तेरी चौखट पर मां,
अपने ग़लत कर्मों को त्यागने आया हूं।
भला हो सारे जगत का मां दुर्गा,
दर पर यह अरदास मैं लेकर आया हूं।
ज्योति जले सदा सनातन धर्म की
दुनिया में,मां आपसे यह प्रार्थना करने आया हूं।
सद्बुद्धि मिले जल्द नादान लोगों को मां,
मैं तेरी चौखट पर भीख मांगने यह आया हूं।
सुख शांति समृद्धि वैभव ऐश्वर्य रहे देश में मां,
इस आस से मां दर पर तेरे आया हूं।
हे मां दुर्गा मैं तेरा एक भक्त नादन,
कोटि-कोटि नमन वंदन करने तेरे दर पर आया हूं।
- दीपक कुमार त्यागी
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार, राजनीतिक विश्लेषक व रचनाकार
Poem on maa durga in hindi