दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोड़ा, मयंक सिधाना और अनिल भारद्वाज की सीनियर चयन समिति को बर्खास्त कर दिया। दिल्ली को रणजी ट्रॉफी में गुरुवार को ही सौराष्ट्र के खिलाफ पारी और 214 रन से करारी हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली की सीनियर टीम के दो हार के बाद चार मैच में सिर्फ दो अंक हैं। राजकोट में पहले दिन नम विकेट पर दिल्ली ने पहले घंटे में ही 10 रन पर सात विकेट गंवा दिए थे और स्थिति और खराब हो सकती थी।
अंडर-25 टीम के चयन को लेकर खोड़ा के साथ अनबन के बाद सिधाना के बैठक छोड़कर बीच से बाहर निकलने की पीटीआई की खबर के एक दिन बाद स्पष्ट रूप से नाराज अध्यक्ष रोहन जेटली ने शीर्ष परिषद के सभी सदस्यों को एक तीखा ईमेल भेजा जिसमें डीडीसीए की पुरुषों की चयन समितियों के अपने काम के निर्वहन के तरीके पर अपनी ‘अस्वीकृति’ दर्ज कराई। डीडीसीए के एक सीनियर निदेशक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘हां, निखिल चोपड़ा, गुरशरण सिंह और रीमा मल्होत्रा की क्रिकेट सलाहकार समिति अगले तीन मैचों के लिए टीम का चयन करेगी क्योंकि दिल्ली पहले ही बाहर हो चुकी है। सिधाना और खोड़ा के मतभेद सार्वजनिक होने के बाद पदाधिकारियों ने समिति को बर्खास्त करने की मंजूरी दे दी है।’’
जेटली का ईमेल जो पीटीआई के पास है, उसके अनुसार, ‘‘डीडीसीए की पुरुषों की चयन समितियां जिस तरह से अपने काम का निर्वहन कर रही हैं, उसके प्रति मेरी अस्वीकृति को दर्ज करने के लिए मैं इस मेल को लिखने के लिए मजबूर हूं। ऐसा प्रतीत होता है कि ऐसी समितियां बिना किसी विजन और मिशन के काम कर रही हैं।’’ दरअसल अध्यक्ष खोड़ा के हर मैच के लिए 22 खिलाड़ियों को चुनने की आदत पर डीडीसीए अध्यक्ष ने खुले तौर पर सवाल उठाए हैं। जेटली ने सवाल उठाया कि कैसे एक चोटिल खिलाड़ी को एक अन्य चोटिल खिलाड़ी के स्थान पर भेजा गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से खिलाड़ियों का चयन किया जा रहा और बदला जा रहा है वह चर्चा का केंद्र है। हाल ही में एक बैठक में यह सूचित किया गया था कि एक चोटिल सीनियर खिलाड़ी का विकल्प भेजा गया था और वहां पहुंचने पर वैकल्पिक खिलाड़ी भी चोटिल घोषित कर दिया गया और दूसरे वैकल्पिक खिलाड़ी को भेजा गया।’’ जेटली ने कहा, ‘‘समिति को स्पष्ट रूप से सूचित करने के बावजूद कि खिलाड़ियों की संख्या 15 से 16 खिलाड़ियों तक सीमित रहेगी, समिति ने बार-बार प्रत्येक टीम के लिए 20 से 22 सदस्यीय खिलाड़ियों की सिफारिश की है। इसलिए ये समितियां न केवल डीडीसीए को नुकसान पहुंचा रही हैं बल्कि क्रिकेट के खेल को भी।’’
यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि युवा कप्तान यश धुल के निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के मनमाने फैसले ने उनके स्वभाव पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह समझा जाता है कि धुल सपाट पिचों पर भी सीम और स्विंग गेंदबाजों का सामना नहीं करना चाहते। जेटली इस बात से भौचक्के थे कि दिल्ली के पास फिलहाल एक भी ऐसा खिलाड़ी नहीं है जिसके भारतीय टीम में जगह बनाने का दावेदार माना जाए। उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब भारतीय टीम में कम से कम चार से पांच दिल्ली के खिलाड़ी होते थे। आज की स्थिति ऐसी है कि हम एक भी खिलाड़ी का नाम नहीं ले सकते हैं जिसे हम (प्रबंधन और चयनकर्ता) राष्ट्रीय टीम के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखते हैं।’’
जेटली जिस बात से सबसे ज्यादा नाराज हैं वह यह है कि चयनकर्ताओं ने ‘पूरी स्वतंत्रता और समर्थन’ मिलने के बावजूद अपना काम नहीं किया। जेटली के ईमेल में शीर्ष परिषद के सदस्यों को पीटीआई की चार जनवरी की खबर भी भेजी थी। उन्होंने कहा, ‘‘असहमति और चर्चा होना एक हिस्सा है, हालांकि झगड़े होना और उन मुद्दों का सार्वजनिक तौर पर सामने आना एक मुद्दा है। मीडिया रिपोर्टों की प्रतियां, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लेख सभी के लिए तैयार संदर्भ के लिए इस मेल में संलग्न किए जा रहे हैं।’’
खोड़ा के ट्रायल मैचों के लिए नहीं पहुंचने से भी जेटली नाराज। उन्होंने कहा, ‘‘यदि चयनकर्ता अपने निजी काम में व्यस्त हैं और चयन प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ हैं तो ऐसे चयनकर्ताओं के लिए डीडीसीए को अपनी व्यस्तता और जारी रखने में असमर्थता के बारे में सूचित करना विवेकपूर्ण होता।’’ जेटली ने उस तरीके पर भी सवाल उठाया जिसमें भारत के पूर्व तेज गेंदबाज पंकज सिंह को मुख्य कोच के रूप में उनकी हैसियत से अंडर-25 चयन बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से यह सबसे महत्वपूर्ण है कि न केवल मुख्य कोच प्रत्येक चयन समिति की बैठक में भाग ले बल्कि चयन पर कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले उनके विचारों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।
Poor performance in ranji ddca sacked selection panel after letter from president jaitley
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