केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि सरकार वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत को कौशल का आपूर्ति केंद्र बनाने के लिए नीति बना रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में कुशल कार्यबल की जरूरत की पहचान करने के लिए वैश्विक कौशल श्रृंखला से जुड़ी आवश्यकताओं की रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब वाणिज्य विभाग भारत की तरफ से विभिन्न देशों के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत करता है तो कौशल आवश्यकताओं की पहचान एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में काम करेगी।
दस देशों के राजदूतों के साथ केंद्र सरकार के चार विभागों के सहयोग से मंगलवार को वर्चुअल ‘ग्लोबल स्किल्स समिट’ का आयोजन किया। इसमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, तंजानिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ब्रिटेन ने भाग लिया। प्रधान ने कहा, ‘‘भारत दुनिया में ‘कुशल कार्यबल’ की जरूरतों को पूरा कर सकता है। हमें देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में कौशल का आपूर्ति केंद्र बनाना है। इस उद्देश्य के लिए एक नीति तैयार की जा रही है। इसे ध्यान में रखते हुए वर्चुअल ग्लोबल स्किल्स समिट का आयोजन आज किया गया।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्रांति 4.0 के बाद भारत से कुशल कार्यबल या कर्मचारियों की मांग बढ़ गई है।
Pradhan said government is making policy to make india a skill supply hub
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero