बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही 13 दिसंबर को शुरू हुआ सदन का शीतकालीन सत्र संपन्न हो गया। सारण जिले में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों को लेकर सोमवार को विपक्षी दल भाजपा के बहिर्गमन के बीच बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने आवश्यक विधायी कार्यों को संपन्न किए जाने के बाद क्रमशः विधानसभा और विधान परिषद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
बिहार विधानमंडल के इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान 19048.98 करोड़ रुपये के विनियोग विधेयक और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन को ध्वनि मत से पारित किया गया। इससे पूर्व सोमवार सुबह 11 बजे बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा सदस्यों के आसन के समक्ष आकर हंगामा किए जाने पर आधे घंटे के भीतर अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने उनकी पार्टी द्वारा लाए गए एक स्थगन प्रस्ताव में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों के परिजन को मुआवजे की मांग की गई।
सरकार द्वारा हालांकि अब तक केवल 38 मौतों की पुष्टि की गयी है जबकि अधिकांश अपुष्ट रिपोर्ट ने मृतक संख्या 50 से अधिक बतायी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पूर्व में मुआवजे की मांग खारिज करने के बावजूद सिन्हा ने सारण के पीड़ितों को अनुग्रह राशि दिए जाने की मांग करते हुए प्रदेश में अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी कानून के एक प्रावधान का हवाला दिया और साथ ही गोपालगंज में एक जहरीली शराब त्रासदी का उदाहरण दिया जहां पूर्ण शराबबंदी के बावजूद मुआवजे का भुगतान किया गया था।
उन्होंने सारण में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के प्रति सदन में शोक व्यक्त किये जाने की भी मांग की। सिन्हा ने सदन में उस आरोप की जांच का आदेश दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की, जिसमें लखीसराय के एक गांव जहां प्रतिपक्ष के नेता के एक करीबी रिश्तेदार रहते थे, के घर के समीप से 1200 से अधिक शराब की बोतलें जब्त किए जाने का मामला सामने आया था। एक कागज को दिखाते हुए सिन्हा ने कहा कि इसमें मेरे किसी रिश्तेदार का कहीं भी उल्लेख नहीं है। भाजपा नेता ने दावा किया कि यह इस मामले को लेकर दर्ज प्राथमिकी की प्रति है।
उन्होंने एक तस्वीर लहराते हुए आगे कहा, ‘‘यह आरोपी है और आप देख सकते हैं वह जदयू समर्थक है।’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि अध्यक्ष द्वारा पारित आदेश की एक प्रति सदन के समक्ष रखी जाए, जिन लोगों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं, वे माफी मांगे। मेरे खिलाफ लगे आरोपों को सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए।’’ उन्होंने पिछले सप्ताह अध्यक्ष द्वारा तीखी बहस के दौरान अपने खिलाफ की गई ‘‘अमर्यादित टिप्पणी’’ को भी हटाने की मांग की।
वहीं, बिहार विधान परिषद की कार्यवाही दोपहर 12 बजे शुरू होने पर भाजपा सदस्यों के जहरीली शराब मामले को लेकर हंगामा किए जाने और प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी के आसन की ओर एक पोस्टर फेंके जाने पर सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन की कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों के जहरीली शराब मामले को लेकर सदन से बर्हिगमन करने के बीच विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने आवश्यक विधायी कार्यों को संपन्न किए जाने के बाद क्रमशः विधानसभा और विधान परिषद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा की।
Proceedings of bihar legislature adjourned indefinitely
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