सरकार ने भारत में सक्रिय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए सोमवार को एक मसौदा संशोधन पेश करते हुए एक स्व-नियामकीय निकाय बनाए जाने का प्रावधान रखा। इन कंपनियों को खेल के नतीजों पर सट्टा लगाने की इजाजत नहीं होगी। सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन के लिए पेश इस मसौदे में प्रावधान है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को गेम खेलने वाले लोगों का सत्यापन करने के साथ ही उन्हें गेमिंग की लत एवं वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए भी उपाय उठाए जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से कहा कि स्व-नियामकीय संगठनों को इस तरह के अवरोधक एवं जांच-परख प्रणाली विकसित करने होगी जिससे किसी गेम को स्वीकृति देने के योग्य माना जा सके। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी नियमों का मसौदा जारी करते हुए कहा है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में लागू कानूनों का अनुपालन जरूरी होगा और जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित कोई भी भारतीय कानून इन कंपनियों पर लागू होगा।
मंत्रालय ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, ‘‘मसौदा संशोधनों का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों की वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें जिम्मेदार ढंग से संचालित करना है।’’ नियमों के मसौदे में गेमिंग कंपनियों के लिए जांच-परख संबंधी अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं। इनमें एक स्व-नियामकीय निकाय के पास पंजीकृत सभी ऑनलाइन गेम्स के लिए पंजीकरण चिह्न का प्रदर्शन और खेल में शामिल होने वाले व्यक्तियों को जमा राशि की निकासी या रिफंड, जीती हुई रकम के वितरण और फीस एवं अन्य शुल्कों के बारे में अवगत कराना शामिल है।
सार्वजनिक सूचना के मुताबिक, ‘‘स्व-नियामकीय निकाय का मंत्रालय के पास पंजीकरण कराना होगा। यह निकाय ऑनलाइन गेम्स की पेशकश करने वाली मध्यवर्ती कंपनियों का पंजीकरण उनकी अर्हता के आधार पर करेगा। ऐसा निकाय एक शिकायत निपटान व्यवस्था के जरिये आने वाली शिकायतों का निपटारा भी करेगा।’’ मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग के नियमन से संबंधित इन नियमों के मसौदे पर 17 जनवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। ऑनलाइन गेमिंग नियमों केफरवरी की शुरुआत में तैयार हो जाने की उम्मीद है।
इन मसौदा नियमों के बारे में चंद्रशेखर ने कहा कि गेमिंग कंपनियों को खेलों के परिणाम को लेकर दांव लगाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘नियम के तहत निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार, खेल के नतीजों पर दांव लगाना प्रतिबंधित होगा।’’ उन्होंने कहा कि इस नियम का मकसद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को बढ़ावा देना और नवोन्मेष के लिये प्रोत्साहित करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कोई ‘पुलिसिंग’ नहीं कर रहे हैं। ऑनलाइन गेमिंग 200 अरब डॉलर का उद्योग है। स्टार्टअप और निवेश के मामले में भारत के पास जबरदस्त क्षमता है। हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा निवेश आए और गेमिंग क्षेत्र में स्टार्टअप बढ़े।’’ मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग करने वाले लोगों में 40 से 45 प्रतिशत संख्या महिलाओं के होने से सरकार इस गतिविधि को उनके लिए भी सुरक्षित बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि 2023 ऐसा वर्ष हो जब ऑनलाइन गेमिंग तेजी से बढ़े और निवेश के साथ इनका विस्तार हो तथा नए मंच विकसित हों।
Provision introduced to make self regulating for online gaming betting will be banned
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