पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शनिवार को पूर्व सैनिकों के अदम्य साहस की सराहना करते हुए कहा कि देश पूर्व सैनिकों की कुर्बानियों का हमेशा ऋणी रहेगा। पुरोहित ने सातवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस पर चंडीगढ़ स्थित वायु सेना अड्डे में पूर्व सैनिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। हाल ही में भारतीय वायुसेना की पश्चिमी हवाई कमान की बागडोर संभालने वाले एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा ने भी इस सभा को संबोधित किया।
सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस हर साल 14 जनवरी को पूर्व सैनिकों के नि:स्वार्थ समर्पण और बलिदान को मान्यता देने और उन्हें सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। पुरोहित ने अपने संबोधन में परोक्ष रूप से 1971 के युद्ध की तरफ इशारा किया। उन्होंने तत्कालीन सरकार का नाम लिये बगैर कहा कि सुलह-समझौते की मेज पर चीजें बिगड़ गईं।
पंजाब के राज्यपाल ने कहा, “मैं लोकसभा में तीन बार (बतौर सांसद) रह चुका हूं और हर बार मैं रक्षा सलाहकार समिति का हिस्सा था। इस दौरान मैंने रक्षा मामलों की संपूर्ण जानकारी हासिल की। मैंने संसद में रक्षा मामलों से जुड़े सवाल भी उठाए।” उन्होंने आगे कहा, “हम सियाचिन और कश्मीर भी गए। कश्मीर पहुंचकर मैंने (बिना किसी का नाम लिये) उन्हें समझाया था कि हमारी सेना ने (पाकिस्तान के) इलाके पर नियंत्रण हासिल कर लिया था... लेकिन मेज पर बातचीत के दौरान उस क्षेत्र को लौटा दिया गया।”
पुरोहित ने कहा, “लेकिन, मौजूदा नेतृत्व बहुत मजबूत है और अब ऐसी चीजें नहीं होंगी। पहले जो गलतियां हुईं वो हो चुकीं।” पुरोहित केंद्र-शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं। सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में वायु सेना अड्डे में एक रैली भी निकाली गई। इसके अलावा, राज्यपाल ने वायु सेना अड्डे में स्थित युद्ध स्मारक पर एक पुष्पचक्र चढ़ाया और देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। पुरोहित ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार अपने पूर्व सैनिकों के साथ दृढ़ता से खड़ी है।
उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से बात करता हूं तो आपके (पूर्व सैनिकों) प्रति उनका प्यार झलकता है। हमें यह कहते हुए गर्व महसूस होता है कि हमारे सशस्त्र बल विश्व के सर्वश्रेष्ठ सशस्त्र बलों में से एक हैं।” पुरोहित ने कहा, “मैं किसके बलबूते राजभवन में आराम से बैठा हूं और पूरे पंजाब पर नजर रख रहा हूं... हमारे सशस्त्र बलों के। मुझे पता है कि हमारा देश आपके हाथों में सुरक्षित है।”
उन्होंने विस्तार से ब्योरा दिये बिना कहा, “आपने इस देश को अपने जीवन का स्वर्णिम काल दिया है और देश यह बात अच्छी तरह से जानता है... छोटी-मोटी बातों को लेकर दिल छोटा न कीजिए, मेरा आपसे यही कहना है।” राज्यपाल ने कहा, “यह अंत नहीं है, आपको अब भी समाज की सेवा और मार्गदर्शन करना है। आप अब भी समाज में बदलाव ला सकते हैं, आप रोल मॉडल हैं। स्कूल-कॉलेज में जाएं, युवाओं के साथ बातचीत करें और उनका मार्गदर्शन करें।”
वहीं, एयर मार्शल सिन्हा ने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन का मकसद सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों तक पहुंच बनाना भी है, ताकि सार्थक बातचीत की जा सके, शिकायतों को हल करने में मदद मिल सके और उनके खुशहाल सेवानिवृत्त जीवन में योगदान दिया जा सके। सिन्हा ने सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा (स्पर्श) प्लेटफॉर्म का भी जिक्र किया, जो सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों के पेंशन संबंधी सभी मामलों के समाधान का मंच उपलब्ध कराता है। सिन्हा ने कहा कि पूर्व सैनिकों के कल्याण और बेहतरी के लिए तीनों सेवाओं द्वारा कई पहल की गई हैं।
Punjab governor said the country will always be indebted to the sacrifices of ex servicemen
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