भारत के कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल ने रविवार को स्वीकार किया कि टीम को दूसरी पारी में कुलदीप यादव की कमी खली लेकिन उन्हें इस बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर को बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से बाहर रखने का किसी तरह का खेद नहीं है। भारत की चटगांव में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 188 रन की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले कुलदीप को जयदेव उनादकट के रूप में अतिरिक्त तेज गेंदबाज रखने के लिए दूसरे मैच से बाहर कर दिया गया था जिसकी सुनील गावस्कर सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने आलोचना की।
राहुल ने मैच के बाद अपने फैसले का बचाव करते हुए संवाददाताओं से कहा,‘‘ मुझे अपने फैसले पर खेद नहीं है। यह सही फैसला था। अगर आप विकेट को देखो तो हमारे तेज गेंदबाजों ने भी काफी विकेट हासिल किए और उन्हें पिच से मदद मिल रही थी। विकेट में काफी असमान उछाल थी।’’ भारत 145 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय सात विकेट पर 74 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था। इसके बाद रविचंद्रन अश्विन और श्रेयस अय्यर ने आठवें विकेट के लिए 71 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।
राहुल ने कहा,‘‘ हमने वनडे में यहां खेलने के अपने अनुभव के आधार पर यह फैसला किया। हमने देखा कि यहां तेज और स्पिन गेंदबाजों को मदद मिल रही है। यह एक संतुलित टीम की और मुझे लगता है कि हमारा फैसला सही था।’’ कुलदीप ने 22 महीने बाद शानदार वापसी करके पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट लेने के अलावा 40 रन की जुझारू पारी भी खेली थी। उन्हें उस टेस्ट में मैन ऑफ द मैच चुना गया था। राहुल ने कहा,‘‘ यह मुश्किल फैसला था विशेषकर तब जबकि उसने पहले टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन मैच से एक दिन पहले पिच को देखने के बाद हमें लगा कि इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी और इसलिए हमने सर्वश्रेष्ठ और संतुलित टीम उतारने का फैसला किया।’’
भारतीय टीम को विशेषकर दूसरी पारी में कुलदीप की कमी खली। बांग्लादेश का स्कोर एक समय चार विकेट पर 70 रन था लेकिन आखिर में वह 231 रन बनाने में सफल रहा। राहुल ने कहा कि अगर टेस्ट मैचों में ‘ प्रभाव डालने वाले खिलाड़ी’ को उतारने का नियम होता तो वह दूसरी पारी में कुलदीप को उतारना पसंद करते। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अगले साल से इस तरह का नियम लागू होने वाला है।
उन्होंने कहा,‘‘ अगर आईपीएल की तरह यहां भी प्रभाव डालने वाले खिलाड़ी का नियम लागू होता तो मैं निश्चित तौर पर दूसरी पारी में कुलदीप को उतारना पसंद करता।’’ बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में राहुल (57 रन) और विराट कोहली (45 रन) ने निराशाजनक प्रदर्शन किया लेकिन कार्यवाहक कप्तान ने इसका कारण सीमित ओवरों की श्रृंखला के तुरंत बाद लंबे प्रारूप में खेलना बताया। उन्होंने कहा,‘‘ जब आप तीनों प्रारूप में खेलते हैं तो एक प्रारूप से दूसरे प्रारूप में सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है। निजी तौर पर मेरा मानना है कि इसमें थोड़ा समय लगता है।
Rahul said dont regret the decision to drop kuldeep
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