संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) और निजता के अधिकार के बीच विरोधाभास होने पर किसी व्यक्ति का निजता का मौलिक अधिकार ही लागू होगा। चंद्रशेखर ने डिजिटल निजी आंकड़ा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक 2022 के मसौदे पर हितधारकों के साथ एक चर्चा के दौरान कहा कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जबकि सूचना का अधिकार नहीं है। मंत्री ने कहा, निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जबकि सूचना का अधिकार नहीं है।
यदि दोनों के बीच विवाद होता है, तो मौलिक अधिकार प्रभावी होगा। वह इस सुझाव का जवाब दे रहे थे कि डीपीडीपी विधेयक 2022 में आरटीआई को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डीपीडीपी के मसौदे में यह प्रस्ताव किया गया है कि इस अधिनियम के प्रावधान और इस समय लागू किसी अन्य कानून के प्रावधान के बीच किसी भी विरोधाभास की स्थिति में, इस अधिनियम के प्रावधान प्रभावी रहेंगे। विधेयक में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा आठ में संशोधन का प्रस्ताव है। इसके तहत ऐसे मामलों में व्यक्तिगत जानकारी साझा करने को सीमित किया जाएगा, जिनका किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है।
Rajeev chandrasekhar said right to privacy will apply to rti in case of contradiction
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero