रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार का मुख्य केंद्र बिंदु राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है और भारत पर बुरी नजर डालने वाले को अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है। सिंह ने कहा, ‘‘भारत अब कमजोर नहीं है। हम शांति में विश्वास करते हैं। अगर कोई हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है।’’ सिंह ने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सैनिकों ने इसे बार-बार साबित किया है।
उन्होंने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी गतिरोध के दौरान सैनिकों द्वारा दिखाई गई बहादुरी का भी जिक्र किया। सिंह हरियाणा के झज्जर में महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और प्रदेश भाजपा प्रमुख ओपी धनखड़ भी उपस्थित थे।
उन्होंने यह भी कहा कि औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाने के लिए नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने कई पहल की हैं, जिसमें मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी से प्रेरित भारतीय नौसेना का एक नया ध्वज, लगभग 1,500 अप्रचलित ब्रिटिश-काल के कानूनों को समाप्त करना, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना और इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा की स्थापना शामिल हैं। सिंह ने कहा कि अपनी प्रासंगिकता खो चुके ब्रिटिश शासन काल के 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई कानून हैं, जिनके लिए हम योजना बना रहे हैं। हम इन्हें भी खत्म कर देंगे।’’ कांग्रेस का नाम लिये बिना सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण किए गए ‘जी-20 के लोगो पर कमल के चित्र को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा करने के लिए उसपर (कांग्रेस) हमला बोला। कांग्रेस ने भाजपा पर अपने चुनाव चिह्न को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जबकि सत्ताधारी दल ने दावा किया कि विपक्षी दल भारत के राष्ट्रीय फूल का अपमान कर रहा है।
भारत एक दिसंबर को जी-20 के मौजूदा अध्यक्ष इंडोनेशिया से शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। जी-20 या 20 देशों का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। उन्होंने हरियाणा और झज्जर क्षेत्र को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी में जब गतिरोध था, तब हमारे सैनिकों ने अपने शौर्य और साहस का परिचय दिया था।
पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘..और आपने देखा है कि जब से भारत को आजादी मिली है, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने और अस्थिरता पैदा करने के लिए आतंकवादियों को भेज रहा है।’’ उन्होंने उरी और पुलवामा आतंकी हमलों के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि (दुस्साहस करने वालों को) मुंहतोड़ जवाब दिया गया। जी-20 के लोगो मुद्दे पर सिंह ने कहा कि कमल राष्ट्रीय फूल है और यह भारत की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा, कमल का फूल देखकर कुछ लोगों ने हंगामा किया। उन लोगों ने कहा कि कमल का फूल भाजपा का चुनाव चिह्न है। सिंह ने कहा, ‘‘आरोप लगाने की एक सीमा होती है, जबकि सच्चाई यह है कि भारत सरकार ने 1950 में कमल के फूल को राष्ट्रीय फूल घोषित किया था और उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि कमल का फूल हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘1857 में, देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, जो लोग इसमें भाग ले रहे थे, वे एक हाथ में रोटी और दूसरे हाथ में कमल का फूल लिए हुए थे। क्या हमें इस कमल के फूल को भूल जाना चाहिए?’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि यह किसी पार्टी का चुनाव चिह्न है, क्या हमें यह छोड़ देना चाहिए और राष्ट्रीय फूल के रूप में इसकी मान्यता रद्द कर देनी चाहिए?’’ कांग्रेस के चुनाव चिह्न का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, अगर किसी पार्टी का चुनाव चिह्न हाथ है तो क्या इस शब्द का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। यदि किसी पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल हो तो क्या हम साइकिल पर चढ़ना छोड़ देंगे, वह भी सिर्फ इसलिए कि यह किसी पार्टी का चुनाव चिह्न है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जब तक भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में है, वह हमारी सांस्कृतिक पहचान के आड़े कुछ भी नहीं आने देगी, भले ही इसके लिए हमें कितना भी बड़ा त्याग क्यों न करना पड़े।’’ उन्होंने पूछा कि क्या भारत जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (दुनिया एक परिवार है) में विश्वास करता है, अपनी ऐसी पहचान के बिना अस्तित्व में रह सकता है। सिंह ने भारत की वैश्विक छवि बदलने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि अब भारत जब बोलता है, तो दुनिया सुनती है।
उन्होंने कहा कि पहले जब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कुछ कहता था, तो लोग उसे गंभीरता से नहीं लेते थे। उन्होंने कहा कि आज जब भारत बोलता है, तो दुनिया सुनती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण भारत अब दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और कहा कि 8-10 वर्षों के भीतर, इसे शीर्ष तीन में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल की समाप्ति (2047) तक भारत के विश्व में नंबर एक अर्थव्यवस्था होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
झज्जर के मटनहेल गांव में एक सैनिक स्कूल की स्थापना से संबंधित काफी समय से लंबित मुद्दे और विभिन्न वक्ताओं द्वारा उठाई गई कुछ मांगों का उल्लेख करते हुए सिंह ने आश्वासन दिया कि वह दिल्ली वापस जाने के बाद इससे संबंधित सभी विवरणों पर गौर करेंगे। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में कभी भी लोगों की आंखों में धूल झोंककर राजनीति नहीं की। मैंने लोगों की आंखों में देखकर राजनीति की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और आजाद भारत की सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि नेताओं ने कई आश्वासन दिए और यदि उन्हें आंशिक रूप से भी पूरा किया होता तो हमारा देश 30-40 साल पहले एक समृद्ध राष्ट्र, एक शक्तिशाली राष्ट्र बन जाता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने भरोसे की कमी को चुनौती के रूप में स्वीकार किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे घोषणापत्र में हमने जो वादा किया था, उसे पूरा किया और मैं यह कहने की चुनौती देता हूं कि हमने जो वादा किया उसे पूरा नहीं किया।’’ इस बीच, सिंह ने जोर देकर कहा कि सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, पृथ्वीराज चौहान और मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी जैसे महान लोगों से प्रेरणा ली है और अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हुए भारत की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को एक महान शासक करार दिया, जिन्होंने न केवल एक बड़े क्षेत्र पर शासन किया, बल्कि बहादुरी, न्याय और लोक कल्याण के प्रतीक भी थे।
Rajnath singh said those who cast evil eye on india are now given a befitting reply
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