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राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसियों से अच्छे संबंधों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे

राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसियों से अच्छे संबंधों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे

राजनाथ सिंह ने कहा कि पड़ोसियों से अच्छे संबंधों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना और इन्हें भविष्य में भी बनाए रखना चाहता है, लेकिन यह राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर नहीं किया जाएगा। यहां शिवगिरि मठ की 90वीं वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उस टिप्पणी को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे और मैत्रीपूर्ण संबंधों की आवश्यकता है। लेकिन, हम अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर किसी के साथ अच्छे संबंध नहीं चाहते हैं।’’

सिंह ने केरल के समाज सुधारक श्री नारायण गुरु की शिक्षाओं के बारे में भी बात की, जैसे ‘‘उद्योग के माध्यम से समृद्धि’’, जो भारत सरकार की ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ नीति का आधार है। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘इसी के परिणामस्वरूप हमें दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक माना जाता है और हमारी सेना को एक शक्ति के रूप में देखा जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग के माध्यम से समृद्धि का उनका उपदेश भारत के ‘आत्म निर्भर भारत’ के संकल्प का आधार है। आज भारत अपनी कड़ी मेहनत और उद्यम की बदौलत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। आज भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘श्री नारायण गुरू के ‘उद्योग के जरिए समृद्धि’ के उपदेश पर आधारित ‘आत्म निर्भर भारत’ पर सरकार के जोर के कारण दुनिया भारत को एक सैन्य शक्ति के रूप में जानती है।’’ उन्होंने कहा कि स्वावलंबन भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है और श्री नारायण गुरू ने अपने उपदेशों के जरिए जन-जन में इस संदेश को फैलाया है और शिवगिरी मठ भी इसेनिरंतर आगे जाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब वह सशस्त्र बलों की मदद से और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत के ‘‘शरीर’’ (सीमाओं) की रक्षा के लिए काम कर रहे थे, तब मठ के संत देश की ‘‘आत्मा’’ की रक्षा के लिए काम कर रहे थे।

सिंह ने कहा, ‘‘मैं आपके द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करता हूं। हम एक राष्ट्र के रूप में तभी जीवित रह सकते हैं जब शरीर और आत्मा दोनों सुरक्षित हों।’’ रक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन के निधन पर भी शोक जताया। सिंह ने कहा कि जब उन्हें इस दुखद खबर का पता चला तो वह दिल्ली लौटने पर विचार कर रहे थे लेकिन प्रधानमंत्री ने सभी से कहा कि वापस आने से पहले सभी को अपने आधिकारिक काम पूरे करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यहां प्रत्येक व्यक्ति, शिविगिरी मठ और मैं अपनी तरफ से, मां हीराबेन को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं।’’ इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने एक मिनट का मौन रखा। शिवगिरी मठ केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के वरकाला शहर में एक मशहूर पर्यटक तीर्थस्थल है।

Rajnath singh said wont compromise national security for good relations with neighbors

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