मौजूदा एशियाई चैम्पियन रवीना ने दमखम के साथ मजबूत प्रदर्शन की बदौलत 63 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में स्वर्ण पदक जीता जिससे भारत ने स्पेन के ला नुसिया में युवा पुरूष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अपना अभियान 11 पदकों के साथ खत्म किया। रवीना ने फाइनल में नीदरलैंड की मेगन डेक्लेर के खिलाफ अच्छी शुरूआत नहीं करने के बावजूद अपनी तकनीकी क्षमता और तेज गति का भरपूर उपयोग करके प्रभावशाली वापसी की। संघर्ष से भरपूर रहा यह कड़ा मुकाबला एशियाई युवा 2022 की स्वर्ण पदक विजेता रवीना के पक्ष में समाप्त हुआ।
मुकाबले की समीक्षा के बाद रवीना ने 4-3 से जीत हासिल की। एक अन्य फाइनल में कीर्ति (81+ किग्रा) को 2022 यूरोपीय युवा चैम्पियन आयरलैंड की क्लियोना एलिजाबेथ डार्सी के हाथों 0-5 से हार मिली। इस हार के कारण भारतीय मुक्केबाज को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इस चैम्पियनशिप में भारत का दबदबा रहा। 25 सदस्यीय भारतीय दल ने कुल 11 पदक जीते जिसमें चार स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।
कुल मिलाकर 17 भारतीयों ने टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था जो 2022 संस्करण में किसी भी अन्य देश से अधिक है। भारतीय महिला मुक्केबाज कुल आठ पदकों के साथ चैम्पियनशिप के इस साल चरण में सबसे आगे रहीं। उनके बाद कजाकिस्तान (5) और उज्बेकिस्तान (4) हैं। पुरूष वर्ग में युवा एशियाई चैम्पियन वंशज (63.5 किग्रा) और विश्वनाथ सुरेश (48 किग्रा) ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते जबकि आशीष (54 किग्रा) ने रजत पदक हासिल किया।
महिलाओं में रवीना (63 किग्रा) और देविका घोरपड़े (52 किग्रा) ने स्वर्ण जीते। कीर्ति (+81 किग्रा), भावना शर्मा (48 किग्रा) को रजत पदक मिले जबकि मुस्कान (75 किग्रा), लशु यादव (70 किग्रा), कुंजारानी देवी थोंगम (60 किग्रा) और तमन्ना (50 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते। इस साल की चैम्पियनशिप में 73 देशों के करीब 600 मुक्केबाजों ने भाग लिया।
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