भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि वित्तीय स्थिरता जोखिम को दूर करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये क्रिप्टो संपत्ति को लेकर साझा रुख पर पहुंचना जरूरी है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा कि इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसमें एक विकल्प तो यह है कि एक समान-जोखिम-समान-विनियामक-परिणाम सिद्धांत को लागू किया जाए। वह पारंपरिक वित्तीय मध्यस्थों और एक्सचेंजों पर लागू समान विनियमन के अधीन हो।
दूसरा विकल्प, क्रिप्टो संपत्तियों को प्रतिबंधित करना है। रिपोर्ट के अनुसार, तीसरा विकल्प यह है कि इसे अपने आप ध्वस्त होने दिया जाए और इसे व्यवस्थित रूप से अप्रासंगिक बना दिया जाए। इसक कारण, इसमें जो अंतर्निहित अस्थिरता और जोखिम है, उससे अंततः यह क्षेत्र पनप नहीं पाएगा। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि नई प्रौद्योगिकी और व्यापार मॉडल को एक व्यवस्थागत स्तर तक बढ़ने के बाद विनियमित करना चुनौतीपूर्ण है। इसमें कहा गया है कि नवोन्मेष को बढ़ावा देने तथा क्रिप्टो परिवेश में वित्तीय स्थिरता को लेकर जो जोखिम है, उसे दूर करने के लिये नीति निर्माताओं के लिये उपयुक्त नीतिगत रुख तैयार करना महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार, इस संदर्भ में भारत की जी-20 अध्यक्षता में वैश्विक नियमन के लिये एक नियम तैयार करना प्राथमिकताओं में शामिल है।
Rbi advocates common approach for crypto assets
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