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आरबीआई ने कहा कि बैंकों का टोटल बैड लोन 5 फीसदी पर आ गया, जो सात साल में सबसे कम है

आरबीआई ने कहा कि बैंकों का टोटल बैड लोन 5 फीसदी पर आ गया, जो सात साल में सबसे कम है

आरबीआई ने कहा कि बैंकों का टोटल बैड लोन 5 फीसदी पर आ गया, जो सात साल में सबसे कम है

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि बैंकों का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) यानी फंसा कर्ज सात वर्षों के निचले स्तर पांच प्रतिशत पर आ गया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक व्यवस्था मजबूत बनी हुई है और उनके पास पर्याप्त पूंजी है। आरबीआई ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 26वें अंक में यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर मंदी के जोखिम के साथ विपरीत हालात का सामना कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक कई झटकों के चलते वित्तीय स्थिति सख्त हो गई है और वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया, भारतीय अर्थव्यवस्था विपरीत वैश्विक हालात का सामना कर रही है। फिर भी मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद और स्वस्थ वित्तीय एवं गैर-वित्तीय क्षेत्र के मजबूत बही-खाते के चलते वित्तीय प्रणाली बेहतर स्थिति में है। एफएसआर में कहा गया कि आने वाले दिनों में एनपीए घटकर 4.9 प्रतिशत तक आ सकता है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की पूंजी स्थिति सितंबर 2022 में मजबूत थी। जोखिम भारित आस्ति‍यों की तुलना में पूंजी अनुपात (सीआरएआर) और साझा इक्विटी पूंजी (सीईटी1) अनुपात क्रमश: 16 प्रतिशत और 13 प्रतिशत रहा।

रिपोर्ट की प्रस्तावना में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक वैश्विक जोखिमों के चलते अस्थिरता की आशंका को पहचानता है। उन्होंने कहा, रिजर्व बैंक और अन्य वित्तीय नियामक भारतीय अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में, जब भी जरूरी हो, उचित हस्तक्षेप के जरिए वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए सतर्क हैं। मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कीमतें बढ़ी हुई हैं, लेकिन मौद्रिक कार्रवाइयों और आपूर्ति पक्ष के हस्तक्षेप से दबाव कम हो रहा है।

Rbi said total bad loans of banks came to 5 percent the lowest in seven years

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