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प्रदूषण से घुटा दिल्ली का दम, पंजाब में टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड, CM मान का गृह जिला संगरूर सबसे आगे

प्रदूषण से घुटा दिल्ली का दम, पंजाब में टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड, CM मान का गृह जिला संगरूर सबसे आगे

प्रदूषण से घुटा दिल्ली का दम, पंजाब में टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड, CM मान का गृह जिला संगरूर सबसे आगे

देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों धुंध और धुएं की परत छाई नजर आ रही है। वायु गुणवत्ता लगातार गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। जिसके लिए हवाओं की धीमी रफ्तार और पंजाब में पराली जलाए जाने के मामले में इजाफे को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इसके साथ ही पंदाब की सत्तारूड़ आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार को घेरने की कोशिश भी की जा रही है। वहीं  2 नवंबर को पंजाब में पराली जलाने के 3634 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक के कुल आंकड़ों की बात करें तो 15 सितंबर से अभी तक पंजाब में पराली जलाने के 21480 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इसी अवधि में पड़ोसी राज्य हरियाणा में ये आंकड़ा 2249 है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के लिए एक प्रमुख योगदान देने वाले राज्यों में शामिल पंजाब के खेतों में पराली उत्तर भारतीय राज्यों में सबसे अधिक है। पिछली कांग्रेस सरकार और पंजाब में वर्तमान आप सरकार द्वारा पराली जलाने के विकल्प प्रस्तावित किए जाने के बावजूद, किसान प्रस्तावित समाधानों को लेकर संशय में हैं। इंडिया टुडे की एक टीम ने 1 नवंबर को संगरूर जिले का दौरा किया, जिसमें पंजाब में 19% खेत में पराली जलाते हुए देखा गया। बता दें कि संगरूर पंजाब के सीएम भगवंत मान का निर्वाचन क्षेत्र है।

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एक किसान ने कहा कि हमारे पास पराली जलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सब्सिडी योजनाओं के माध्यम से हमें बेची जाने वाली मशीनें पराली जलाने से रोकने में बेकार हैं। रोटोबीटर्स और हैप्पी सीडर्स जो हमने खरीदे या किराए पर लिए थे, उन्होंने पराली को काट दिया। लेकिन एक समस्या है। यदि हम नहीं जलाते हैं और फसल काटते हैं, तो हमारी उपज कीड़ों (गुलाबी सुंडी) से प्रभावित होगी। किसान ने आगे कहा कि पिछले साल, हमने इसका प्रयास किया लेकिन हमारी उपज खो गई। यही कारण है कि हमें पराली जलाने का सहारा लेना पड़ता है।

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लगातार पराली जलाने के मामलों से राज्य की हवा की गुणवत्ता भी खराब हुई है। बीते दिन लुधियाना में एक्यूआई 299 था, उसके बाद पटियाला में 240, अमृतसर में 194, जबकि खन्ना और जालंधर में 173 का एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं तमाम बातों से इतर दिल्ली में फैल रह प्रदूषण को लेकर कृषि मंत्री कुलदीप धालीवाल ने हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में फैल रहे प्रदूषण का कारण पंजाब में जल रही पराली नहीं हो सकती है।

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