कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि और अपेक्षाकृत अनुकूल मांग-आपूर्ति की स्थिति के कारण शीर्ष छह शहरों में घरों की कीमतों में चालू वित्त वर्ष में छह से 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में घरों के दाम तीन से पांच प्रतिशत और बढ़ेंगे। रिपोर्ट में भी कहा गया है कि बड़े रियल एस्टेट कंपनियां 2022-23 में बिक्री में 25 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज करेंगी। अगले वित्त वर्ष में इन कंपनियों की बिक्री 10-15 प्रतिशत बढ़ेगी।
रिपोर्ट कहती है कि खाली घरों (बिना बिके मकानों) का स्तर ढाई साल पर आ गया है। महामारी से पहले यह चार साल था। इसकी वजह बड़ी रियल एस्टेट की कर्ज लेने की क्षमता में सुधार है। एजेंसी को उम्मीद है कि कच्चे माल, श्रम और भूमि की लागत में भारी वृद्धि के चलते प्रमुख छह शहरों में इस वित्त वर्ष में आवास कीमतों में 6-10 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में तीन-पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी। रिपोर्ट कहती है कि कई क्षेत्रों में आज भी कार्य का हाइब्रिड मॉडल (दफ्तर और घर से काम) लागू है। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद बड़े घरों की मांग पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।
शीर्ष छह रियल्टी बाजार...मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और कोलकाता हैं। रिपोर्ट में शामिल कंपनियों में ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, कोलते-पाटिल डेवलपर्स, मैक्रोटेक डेवलपर्स, महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, पूर्वांकरा, सोभा और सनटेक रियल्टी शामिल हैं।
Report says houses will be costlier by 6 10 percent in the current financial year
Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero