मिस्र के समुद्र तटीय शहर शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वार्ता के वास्ते दुनियाभर से प्रतिनिधि रविवार को एकत्र हुए। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया कई अन्य संकटों से जूझ रही है, जिसमें यूक्रेन में युद्ध, उच्च मुद्रास्फीति, भोजन और ऊर्जा की कमी शामिल है। वार्ताकारों ने बैठक से दो दिन पहले इस बात पर चर्चा की कि क्या जलवायु परिवर्तन से पीड़ित कमजोर देशों को होने वाले नुकसान और क्षति, या क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर औपचारिक रूप से विचार किया जाए अथवा नहीं।
इस मुद्दे पर, बैठक के आधिकारिक रूप से शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही सहमति बनी। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु वैज्ञानिक पैनल के प्रमुख ने उद्घाटन भाषण में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के अनुकूलन की तात्कालिकता पर प्रकाश डाला। जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति के अध्यक्ष होसंग ली ने कहा, ‘‘यह हमारे ग्रह और हमारी आजीविका को बचाने के लिए एक पीढ़ी को एक बार मिलने वाला अवसर है।’’
वार्ता के निवर्तमान अध्यक्ष एवं ब्रिटेन के अधिकारी आलोक शर्मा ने कहा कि देशों ने ग्लासगो में पिछली बैठक में काफी प्रगति की, जिसमें उत्सर्जन में कटौती के लिए अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करना, 2015 के पेरिस समझौते के नियमों को अंतिम रूप देना और कोयले के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की शुरुआत करने की प्रतिबद्धता जताना शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने 1.5 डिग्री बरकरार रखा।’’
उनका इशारा पेरिस समझौते के सबसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर था, यानि तापमान में वृद्धि को पूर्व-औद्योगिकरण सीमा तक बनाये रखना। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उन प्रयासों को ‘‘वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावित’’ किया जा रहा है। शर्मा ने कहा, ‘‘यूक्रेन में (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के क्रूर और अवैध युद्ध ने वैश्विक संकट, ऊर्जा और खाद्य असुरक्षा, मुद्रास्फीति के दबाव और कर्ज को बढ़ाया है। इन संकटों ने मौजूदा जलवायु जोखिमों और महामारी के भयावह प्रभावों को बढ़ाया है।’’
पाकिस्तान और नाइजीरिया में हाल में आयी विनाशकारी बाढ़ और यूरोप, अमेरिका तथा चीन में ऐतिहासिक सूखे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया और दुनिया के नेताओं को आंखें खोलने के लिए और कितने उदाहरण चाहिए।’’ शर्मा के उत्तराधिकारी एवं मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी ने कहा कि उनका कार्यालय पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ‘‘कोई कसर नहीं छोड़ेगा।’’ संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष जलवायु अधिकारी ने देशों से बातचीत में रचनात्मक रूप से शामिल होने और आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां शर्म अल-शेख में, शब्दों को हकीकत में बदलने के लिए हमारे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को गति देना हमारा कर्तव्य है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक मानव गतिविधि हमारी पेरिस प्रतिबद्धता के अनुरूप होनी चाहिए और तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित करने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाना चाहिए।’’ इस वर्ष की वार्ता के लिए 40,000 से अधिक प्रतिभागियों को पंजीकृत किया गया है।
मिस्र ने कहा कि इस वार्ता में 120 से अधिक वैश्विक नेता हिस्सा लेंगे, उनमें से कई 7-8 नवंबर को एक उच्च स्तरीय कार्यक्रम में संबोधन देंगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सप्ताह के अंत में पहुंचने की उम्मीद है। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई शीर्ष हस्तियां आने की योजना नहीं बना रहीं हैं। इससे इसको लेकर संदेह उत्पन्न हो रहा है कि क्या मिस्र में वार्ता में इन दोनों देशों के बिना उत्सर्जन में कटौती संबंधी कोई बड़ा समझौता हो सकता है।
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेरबॉक ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले का वार्ता पर असर पड़ रहा है, जिसने दुनियाभर में राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि 2022 एक ऐसा वर्ष नहीं होना चाहिए जिसमें जलवायु संरक्षण के लिए कुछ भी नहीं किया जाए।’’ शिखर सम्मेलन के दौरान विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने और निगरानी बढ़ाने के लिए अधिकार समूहों ने रविवार को मिस्र की आलोचना की।
न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच ने मिस्र के मीडिया का हवाला देते हुए कहा कि अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के लिए समूह के उप निदेशक एडम कूगल ने एक बयान में कहा, यह स्पष्ट हो रहा है कि मिस्र की सरकार का सुरक्षा उपायों को आसान बनाने और अभिव्यक्ति एवं सभा की अनुमति देने का कोई इरादा नहीं है।’’ ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि उसने दुनिया भर के लगभग 1,400 समूहों में शामिल होकर मिस्र से नागरिक समाज समूहों पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है।
Representatives gathered for un climate talks in egypt amid various crises in the world
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