कानपुर पुलिस आयुक्त ने जिला न्यायाधीश और मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट से समाजवादी पार्टी विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई के खिलाफ दो आपराधिक मामलों में तेज सुनवाई कर फैसला देने का अनुरोध किया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिला न्यायाधीश और मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट को सोलंकी और उसके छोटे भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ जाजमऊ थाना और ग्वालटोटी थाना में दर्ज दो आपराधिक मामलों में दाखिल आरोप पत्र के बारे में अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने मामले का त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के लिए इन्हें फास्ट ट्रैक अदालत में ले जाने का एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है। आनंद प्रकाश ने कहा कि सपा विधायक ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद और उसके परिजनों को भारतीय नागरिक बनाने के लिए उन्हें बार-बार “आधिकारिक” गारंटी पत्र दिए हैं। ये सभी जेल में बंद हैं। सपा विधायक ने बांग्लादेशी नागरिक रिजवान मोहम्मद की फोटो और अन्य दस्तावेज सत्यापित भी किए थे। कानपुर जेल प्रशासन ने राज्य सरकार और शीर्ष जेल अधिकारियों की ओर से सोलंकी और उसके भाई को दूसरी जेल स्थानांतारित किए जाने का अनुरोध किया है।
सपा विधायक को महाराजगंज जिला जेल, जबकि उसके भाई रिजवान को किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सोलंकी ने आठ नवंबर को एक जमीन विवाद में नजीर फातिमा नाम की एक महिला के घर आगजनी करने और दंगा करने का मामला दर्ज होने के बाद इस महीने की शुरुआत में आत्मसमर्पण कर दिया था। जेल में रहते सोलंकी पर एक बांग्लादेशी परिवार को प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में मामला दर्ज किया गया था। इस परिवार द्वारा आधार समेत भारतीय दस्तावेज हासिल करने में इस प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया। 11 दिसंबर को उस बांग्लादेशी परिवार के चार सदस्यों को फर्जी दस्तावेज रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने 13 फर्जी पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, फर्जी मुद्रा, सोने के आभूषण और 14 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद की थी।
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