सुस्त ग्रामीण मांग और ऊंची मुद्रास्फीति के बीच रोजाना के इस्तेमाल का उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों को चालू और अगले वित्त वर्ष में राजस्व वृद्धि दर सुस्त यानी 7-9 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। यह पिछले वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत थी। इस एफएमसीजी क्षेत्र के कारोबार का आकार 4.7 लाख करोड़ रुपये का है जिसका लगभग 40 प्रतिशत भीतरी इलाकों के बाजारों से आता है। ये बाजार कोविड महामारी के बाद से उच्च मुद्रास्फीति, कम वेतन और अधिक नौकरियां जाने के मामलों से प्रभावित हुए हैं।
क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि एफएमसीजी क्षेत्र की राजस्व वृद्धि इस वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में 7-9 प्रतिशत पर सुस्त बनी रहेगी, जो पिछले वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत थी। वहीं कारोबार के आकार की वृद्धि पिछले वित्त वर्ष के 2.5 प्रतिशत से घटकर लगभग 1-2 प्रतिशत रह जाएगी। रिपोर्ट में राजस्व वृद्धिदर के सुस्त रहने का कारण बढ़ती लागत के असर को कम करने के लिए एफएमसीजी कंपनियों द्वारा साल के दौरान कई बार कीमतों में की गई बढ़ोतरी को बताया है।
Revenue growth of fmcg companies expected to remain sluggish
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