ब्रिटेन में भारतीय मूल के प्रथम प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मार्कल के बारे में एक स्तंभकार की विवादास्पद टिप्पणी के बीच नस्लभेद पर ब्रिटेन के रिकॉर्ड का बचाव किया है। सुनक सोमवार को लातविया की राजधानी रीगा की यात्रा के दौरान पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों को जवाब दे रहे थे। उन्होंने नस्लभेद के आरोप को खारिज कर दिया और अपनी विरासत को रेखांकित किया। सुनक ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं बिल्कुल नहीं मानता कि ब्रिटेन नस्लभेदी देश है। मुझे उम्मीद है कि हमारे देश के पहले ब्रिटिश एशियाई प्रधानमंत्री के रूप में मैं जो कुछ कहूंगा उसे महत्व दिया जाएगा।’’
ब्रिटेन में जन्मे और पंजाब से ताल्लुक रखने वाले सुनक ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, मुझे अपने देश, इसकी संस्कृति, मिलनसारिता, इसकी सुंदरता पर वास्तव में गर्व है।’’ हाल में ‘नेटफ्लिक्स’ पर प्रसारित ‘हैरी और मेगन’ वृत्तचित्र की पृष्टभूमि में पूर्व टेलीविजन प्रस्तोता और स्तंभकार जेरमी क्लार्कसन ने अखबार ‘द सन’ में ‘डचेस आफ ससेक्स’ मेगन मार्कल पर एक आलेख लिखा था, जिसके बाद नस्लभेद का विवाद शुरू हुआ। मार्कल अफ्रीकी-अमेरिकी हैं। क्लार्कसन के स्तंभ को लेकर इंडीपेंडेंट प्रेस स्टैंडर्ड्स आर्गेनाइजेशन (आईपीएसओ) को 6,000 से अधिक शिकायतें मिलीं, जिसके परिणामस्वरूप लेखक और अखबार ने अपनी वेबसाइट से स्तंभ को हटाते हुए माफी मांगी।
Rishi sunak said does not consider britain a racist country at all
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