ब्रिटेन की रॉयल नेवी के प्रमुख एडमिरल बेन की ने कहा कि वह इन आरोपों से ‘बहुत ही आहत’ हैं कि पनडुब्बियों पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को डराया धमकाया गया और उनका यौन उत्पीड़न किया गया। रॉयल नेवी प्रमुख ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। डेली मेल अखबार ने शनिवार को पूर्व नौसेना लेफ्टिनेंट सोफी ब्रूक के उन दावों को प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उन्हें ‘यौन उत्पीड़न के एक निरंतर दौर’ के साथ-साथ शारीरिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ा।
अखबार ने उनके हवाले से प्रकाशित किया है कि पनडुब्बियों पर जब भी कोई नयी महिला आती है तो चालक दल के पुरुष सदस्य ‘गिद्धों की तरह’ नजरें गड़ाये होते हैं। तीस-वर्षीय ब्रूक ने इस साल की शुरुआत में रॉयल नेवी छोड़ दी थी और बाद में उन्हें अपनी पनडुब्बी की आवाजाही के बारे में एक ईमेल संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में जेल की निलंबित सजा सुनाई गई थी। अखबार ने नौसेना के एक अन्य गुमनाम व्हिसलब्लोअर के हवाले से कहा कि महिलाओं को पनडुब्बियों में यौन संबंध बनाने के लिए लगातार परेशान किया जाता था।
रॉयल नेवी के पूर्णकालिक कर्मियों में महिलाओं की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत हैं और 2011 से पनडुब्बियों पर सेवा करने के लिए पात्र हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ये आरोप घृणित हैं।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘यौन हमले और उत्पीड़न का रॉयल नेवी में कोई स्थान नहीं है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी वरिष्ठ टीम को इन आरोपों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है। जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसकी रैंक या स्थिति की परवाह किए बिना उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’ रक्षा मंत्रालय ने इन आरोपों पर टिप्पणी नहीं की है, लेकिन कहा है कि उसने स्वीकार किया कि अनुचित व्यवहार रोकने के बारे में और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
Royal navy investigating claims of harassment of women on submarines
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