‘अमूल’ ब्रांड के तहत दुग्ध उत्पादों की बिक्री करने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) ने सोमवार को लंबे समय से कार्यरत प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को बिना कोई कारण बताए पद से हटा दिया। महासंघ के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) जयेनभाई मेहता को प्रबंध निदेशक (एमडी) का अंतरिम प्रभार दिया गया है। हालांकि सोढ़ी ने कहा कि उन्होंने जीसीएमएमएफ के निदेशक मंडल से कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया था। चार दशकों से अधिक समय से महासंघ से जुड़े रहे सोढ़ी ने बोर्ड द्वारा पद छोड़ने के लिए कहे जाने के तुरंत बाद अपना इस्तीफा दे दिया।
इस औचक कदम के कारण के बारे में तुरंत पता नहीं चल सका लेकिन सोढ़ी ने कहा कि वह सेवा विस्तार पर थे और उन्होंने बोर्ड से एमडी की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था। सोमवार को गांधीनगर में अमूलफेड डेयरी के परिसर में हुई बोर्ड बैठक में सोढ़ी की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
बोर्ड की तरफ से सोढ़ी को भेजे गए पत्र के अनुसार, ‘‘बोर्ड की बैठक के संकल्प संख्या 2 के अनुसार, महासंघ के एमडी के रूप में आपकी सेवा को तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया था। इस तरह आपको तत्काल प्रभाव से एमडी के रूप में अपना प्रभार छोड़ने और इसे सीओओ जयेनभाई मेहता को सौंपने का निर्देश दिया जाता है।’’ इस सूचना पर महासंघ के चेयरमैन शामलभाई पटेल और वाइस चेयरमैनवलमजीभाई हुंबल के हस्ताक्षर थे। सोढ़ी ने कहा कि वह महासंघ के फैसले से ‘बहुत खुश’ हैं और खुद को बर्खास्त किए जाने संबंधी खबरों का खंडन किया। इन रिपोर्ट में कहा गया था कि सोढ़ी को ‘‘बर्खास्त’’ कर दिया गया है और उनके कार्यालय को ‘सील’ कर दिया गया है।
सोढ़ी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एमडी के रूप में मेरा निर्धारित कार्यकाल दो साल पहले ही समाप्त हो गया था और मैं सेवा-विस्तार पर था। मैंने बोर्ड से मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध किया था। बोर्ड ने मुझे कुछ समय के लिए प्रतीक्षा करने के लिए कहा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने फिर से जीसीएमएमएफ बोर्ड से मुझे कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने आखिरकार मेरा अनुरोध स्वीकार कर लिया और आज मुझे कार्यमुक्त कर दिया। पद छोड़ने का यह मेरा अपना निर्णय था और मैं आज बहुत खुश हूं।’’
सोढ़ी ने जब एमडी का पदभार संभाला था, तब वित्त वर्ष 2010-11 में फेडरेशन का कारोबार महज 9,774 करोड़ रुपए का था। वित्त वर्ष 2021-22 में यह कारोबार 61,000 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा। सोढ़ी ने 40 से अधिक वर्षों से महासंघ के साथ काम करने के दौरान 12 वर्षों तक एमडी के रूप में कार्य किया। उन्हें पहली बार वर्ष 2010 में पांच साल के लिए एमडी नियुक्त किया गया था। फिर वर्ष 2015 में उन्हें दोबारा इस पद पर नियुक्त किया गया। उसके बाद से वह सेवा-विस्तार पर चल रहे थे। सोढ़ी ने इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद (आईआरएमए) से एमबीए करने के बाद फेडरेशन के साथ मैनेजर के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
Rs sodhi removed as md of amul jayeshbhai mehta given interim charge
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