खालिस्तान जनमत संग्रह पर बवाल, भारत ने जताया ऐतराज, कहा- इन्हें कानूनी आतंकवादी घोषित करें
भारत ने खालिस्तान की मांग के संबंध में कनाडा में तथाकथित जनमत संग्रह की योजना बनाने वाली कुछ ताकतों पर अपनी चिंता दोहराई है। इसके साथ ही भारत की तरफ से वहां स्थित लोगों और समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने का आह्वान किया। भारत ने कनाडा से आग्रह किया है कि वो अपने कानूनों के तहत उन व्यक्तियों और संस्थाओं को आतंकवादी घोषित करे जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है।
भारत ने कनाडा में 6 नवंबर को हुए 'खालिस्तान जनमत संग्रह' पर अपनी स्थिति दोहराई है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने बार-बार कनाडा से कहा है कि वह भारत विरोधी तत्वों को अपनी धरती पर काम करने से रोकें। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा ने भारत को बता दिया है कि वह 'खालिस्तान जनमत संग्रह' को मान्यता नहीं देगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार को सूचित किया है कि वो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करती है और कनाडा में दो चरणों में होने वाले तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देगी। उन्होंने कहा कि कनाडा के उच्चायुक्त और उनके उप विदेश मंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने बयानों के माध्यम से इसी दृष्टिकोण को दोहराया है। इसके साथ ही भारत की तरफ से कहा गया कि हमें बहुत आपत्तिजनक लगता है कि एक मित्र देश में चरमपंथी तत्वों द्वारा राजनीतिक रूप से प्रेरित कवायदों की अनुमति दी जा रही है।
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