यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने लगभग 140 लाख निवासियों को “दशकों के सबसे तेज़ और सबसे बड़े पलायन” के लिए मजबूर किया, जिससे दुनिया भर में शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की संख्या में10 करोड़ 30 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख ने बुधवार को यह जानकारी दी। शरणार्थियों के लिए संरा के उच्चायुक्त के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने परिषद को बताया कि यूक्रेन “अत्यंत कठिन परिस्थितियों में दुनिया की सबसे कठोर सर्दियों में से एक” का सामना करने जा रहा है। इसमें नागरिकों के लिए बुनियादी ढांचों का निरंतर विनाश भी शामिल है।
मानवीय संगठनों ने हाल ही में अपनी ओर से प्रतिक्रिया को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, “बहुत कुछ किया जाना चाहिए, जिसकी शुरुआत इस संवेदनहीन युद्ध की समाप्ति से होगी।” लेकिन “सैन्य स्थिति की संभावित लंबी प्रकृति” को देखते हुए, ग्रैंडी ने कहा कि उनकी एजेंसी यूक्रेन के अंदर और बाहर दोनों जगह भारी संख्या में लोगों की आवाजाही को लेकर तैयारी कर रही है। अपनी व्यापक ब्रीफिंग में, ग्रैंडी ने संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय के सदस्यों से कहा कि यूक्रेन लगातार सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन उनकी एजेंसी नेपिछले 12 महीनों मेंदुनिया भर में संघर्षों से उत्पन्न 37 आपात स्थितियों का जवाब दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी, अन्य संकट समान अंतरराष्ट्रीय ध्यान, आक्रोश, संसाधन, कार्रवाई में विफल रहे हैं।’’ ग्रांडी ने वर्ष की पहली छमाही में विस्थापित हुए 850, 000 से अधिक इथियोपियाई लोगों की ओर इशारा किया, और कहा कि उस देश के उत्तरी टाइग्रे क्षेत्र में संघर्ष में हालिया वृद्धि का ‘नागरिकों पर और भी अधिक विनाशकारी प्रभाव पड़ा है।’’ ग्रैंडी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी म्यांमार में भी है, जहां देश के सैन्य शासकों के खिलीाफ सशस्त्र प्रतिरोध हो रहा है और अनुमानित रूप से 500,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
Russian aggression has forced the largest exodus of 14 million in ukraine un
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