राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि मूल शिवसेना वही है जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पार्टी को न्याय मिलने की उम्मीद भी जतायी। शिवसेना के दो धड़ों ने पार्टी पर अपने-अपने दावे पेश किये हैं, जिसकी सुनवाई आयोग कर रहा है। दोनों धड़े खुद को मूल शिवसेना करार देने की आयोग से मांग कर रहे हैं। राउत ने पत्रकारों से कहा कि यद्यपि ‘स्वतंत्रता और स्वायत्तता’ अब स्वायत्त संस्थानों में नहीं देखी जा रही है, फिर भी उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा है। आयोग 12 जनवरी को शिवसेना के दोनों गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना केवल एक ही है, जिसकी स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी और जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। पूरी शिवसेना उनके साथ है।’’ उन्होंने कहा कि जब शिवसेना के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल करने वाले नेता (पार्टी) छोड़ चुके हों, तो इसे टूट नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘वे हार जाएंगे।’’ राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘‘हम चुनाव आयोग पर भरोसा करते हैं जो एक स्वायत्त और स्वतंत्र निकाय है। हमारे पास टीएन शेषन (पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त) का एक उदाहरण है। (हालांकि) अभी तक इन संस्थानों में स्वतंत्रता और स्वायत्तता नहीं दिखी है। इन संस्थानों में लोगों की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को न्याय मिलेगा।” मूल शिवसेना के 56 विधायकों में से 39 विधायक और महाराष्ट्र के 18 लोकसभा सांसदों में से 13 ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया था।
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