शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू, वी. डी. सावरकर या किसी अन्य स्वतंत्रता सेनानी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे अपना पक्ष रखने के लिए इस संसार में नहीं हैं। राउत ने कहा कि नेहरू या किसी अन्य ऐतिहासिक शख्सियत को निशाना बनाकर सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों का जवाब देने की जरूरत नहीं है। राउत शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े के रुख को स्पष्ट करने के एक दिन बाद यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सावरकर के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करने की जरूरत नहीं थी।
उन्होंने कहा था कि यह महाराष्ट्र में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को प्रभावित कर सकता है। राज्यसभा सदस्य ने शनिवार को कहा, ‘‘पंडित नेहरू और सावरकर दोनों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयास बंद होने चाहिए। देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले स्वतंत्रता सेनानी किसी विचारधारा या राजनीतिक दल के नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘ये नेता अब इस दुनिया में नहीं हैं और इसलिए अब अपना बचाव नहीं कर सकते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में, नेहरू सावरकर के ‘‘वैज्ञानिक नजरिये’’ को अपनाकर भारत को विकास के पथ पर ले गए। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं तो भारत एक और पाकिस्तान बन जाता... इसके लिए भारत हमेशा नेहरू का ऋणी रहेगा।’’ राउत के शुक्रवार को अपनी पार्टी की नाराजगी स्पष्ट करने के बावजूद, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने शनिवार को कहा कि राहुल गांधी की आलोचना करने वालों को पहले यह बताना चाहिए कि ‘‘हिंदुत्व के विचारक को अंग्रेजों से 60 रुपये पेंशन क्यों मिल रही थी।’’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी ने दावा किया था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की थी और डर के मारे दया याचिका लिखी थी।
Sanjay raut said neither savarkar nor nehru should be targeted
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