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SC के 50वें चीफ जस्टिस यूयू ललित का अंतिम दिन आज

SC के 50वें चीफ जस्टिस यूयू ललित का अंतिम दिन आज

SC के 50वें चीफ जस्टिस यूयू ललित का अंतिम दिन आज

भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित कल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले है। मगर गुरुनानक जयंती होने के कारण अदालत में उनका अंतिम दिन सात नवंबर को होगा क्योंकि इस दिन अदालत में छुट्टी रहेगी। छुट्टी रहने के कारण उनका अंतिम वर्किंग दिन आज होने वाला है। इस दिन सुप्रीम कोर्ट में कई अहम फैसलों पर भी प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित सुनवाई करेंगे।
 
इस खास मौके पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रधान न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली औपचारिक सेरेमोनियल पीठ की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण होगा। ये कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू होगी, जिसमें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी हिस्सा लेंगे। गौरतलब है कि सेरेमोनियल बेंच ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के साथ पीठ साझा करते है। इस प्रक्रिया के तहत बार के सदस्य और अधिकारी उन्हें सुप्रीम कोर्ट से विदाई देते है। बता दें कि इस कार्यवाही का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।
 
EWS मामले पर हुई सुनवाई
उच्चतम न्यायालय दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई सात नवंबर की वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मामले में आर्थिक आरक्षण को वैध ठहराया है। शीर्ष अदालत ने सुनवाई में तत्कालीन अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित वरिष्ठ वकीलों की दलीलें सुनने के बाद इस कानूनी सवाल पर 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था कि क्या ईडब्ल्यूएस आरक्षण ने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया है।
बता दें कि सात नवंबर को लंच ब्रेक के बाद सामारोहिक पीठ के समक्ष 15 मामलों पर सुनवाई करनी होगी। इन मामलों की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस को कोर्ट रूम में आधिकारिक तौर पर विदाई मिलेगी। इस मौके पर अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल समेत कई अधिकारी और वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद होंगे।
 
27 अगस्त को ली थी शपथ
जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर 27 अगस्त को शपथ ली थी। उनका कार्यकाल काफी कम दिन का रहा है। वो मात्र 74 दिनों के लिए ही चीफ जस्टिस बने रहे है। बता दें कि उनका परिवार भी न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा रहा है। उनके दादा और उनके पिता भी वकील रहे है।

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