शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने मंगलवार को अहम वैश्विक व क्षेत्रीय घटनाक्रम पर चर्चा की और आठ सदस्यीय समूह के भीतर व्यापार, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग बढ़ाने के लिए प्राथमिकता वाले कदमों के संबंध में विचार-विमर्श किया। चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने वीडियो लिंक के जरिए एससीओ शासनाध्यक्षों की परिषद (सीएचजी) की 21वीं बैठक की मेजबानी की।
जून 2001 में शंघाई में गठित एससीओ के आठ पूर्णकालिक सदस्य हैं, जिनमें इसके छह संस्थापक सदस्य, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल हुए। हाल में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस के बाद बड़े फेरबदल के मद्देनजर प्रधानमंत्री ली अगले साल की शुरुआत में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑनलाइन बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
एससीओ सचिवालय द्वारा यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और एससीओ महासचिव झांग मिंग एवं एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना की कार्यकारी समिति के निदेशक रुस्लान मिर्जायेव सहित एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत एससीओ राष्ट्राध्यक्षों का वर्तमान अध्यक्ष है और उम्मीद है कि भारत अगले वर्ष के मध्य में आठ सदस्यीय समूह के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।
बैठक के अंत में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों ने 2022-2023 में संगठन में भारत की अध्यक्षता के लिए अपना समर्थन दिया। इसमें कहा गया है कि दोस्ताना, रचनात्मक और व्यापार जैसे माहौल में, प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने विश्व और क्षेत्रीय घटनाक्रम के प्रमुख मुद्दों के बारे में अपनी राय रखी तथा एससीओ के भीतर व्यापार, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग को मजबूत करने के लिए प्राथमिकता वाले उपायों पर चर्चा की।
पिछली एससीओ बैठकों की तरह, भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का समर्थन नहीं किया है।भारत बीआरआई की आलोचना करता रहा है और 50 अरब डॉलर की इस परियोजना में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) शामिल है। सीपीईसी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है।
बयान के अनुसार, बैठक में एससीओ मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना के रूसी प्रस्ताव, एससीओ देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के गठबंधन की स्थापना के लिए उज्बेकिस्तान के प्रस्ताव और 2023 में समरकंद में विशेष आर्थिक क्षेत्रों के प्रशासन प्रमुखों की बैठक आयोजित करने पर भी गौर किया गया। बैठक में 2025 को अंतरराष्ट्रीय ग्लेशियर संरक्षण वर्ष घोषित करने के ताजिकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन किया गया वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव को स्वीकार कर अंतरराष्ट्रीय ग्लेशियर संरक्षण कोष स्थापित करने की पहल पर चर्चा की गई।
Sco chiefs discuss major global and regional developments
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