बाजार नियामक सेबी ने ऑनलाइन बॉन्ड मंच प्रदाताओं (ओबीपीपी) के परिचालन को सुगम बनाने के लिए सोमवार को विस्तृत नियामकीय प्रारूप पेश किया। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के इस प्रारूप में कहा गया है कि ओबीपीपी के तौर पर भारत में गठित कंपनियां ही सेवाएं दे सकती हैं और उन्हें शेयर बाजार के ऋण खंड में शेयर ब्रोकर के तौर पर अपना पंजीकरण कराना चाहिए। इस प्रारूप को तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है।
सेबी ने कहा कि नए नियम लागू होने के पहले से ओबीपीपी के तौर पर काम कर रही फर्म अपने मंच पर सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों एवं सार्वजनिक निर्गम के जरिये सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित ऋण प्रतिभूतियों को छोड़कर अन्य सेवाओं एवं उत्पादों की पेशकश नहीं कर सकती है। सेबी ने कहा, बॉन्ड बाजार, खासकर गैर-संस्थागत क्षेत्र में विकास की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए ऑनलाइन बॉन्ड मंचों से जुड़े निवेशकों के लिए नियंत्रण एवं संतुलन स्थापित करने की जरूरत है।
पिछले कुछ वर्षों में गैर-संस्थागत निवेशकों को ऋण प्रतिभूतियों की पेशकश करने वाले ओबीपीपी की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें से अधिकांश वित्त-प्रौद्योगिकी कंपनियां हैं जिन्हें शेयर ब्रोकरों का समर्थन हासिल है। ऐसी ओबीपी के जरिये लेनदेन करने वाले पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। उनके हितों को सुरक्षित करने के मकसद से सेबी ने यह विस्तृत प्रारूप जारी किया है।
Sebas detailed draft for online bond platform providers released
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