‘शाबाश मिठू’ में निराशाजनक आउट हुईं तापसी पन्नू, मिताली राज डिजर्व करती हैं बेहतर बायोपिक
बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू आज कल स्पोर्ट बायोपिक में नजर आ रही हैं। रश्मि रॉकेट के बाद अब वह लेकर आयी हैं महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज की बायोपिक शाबाश मिठू । मिताली राज महिला है जिन्होंने महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम की महचान को दुनिया के सामने पेश किया। महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम ने विश्व स्तर पर बड़े बड़े रिकॉर्ड बना कर भारत का लोहा पूरी दुनिया में मनवाया। मिताली राज के लिए पुरुष के क्रिकेट को पसंद करने वाली दुनिया में महिलाओं के क्रिकेट को पसंद करवाना आसान नहीं था। समाज महिलाओं के क्रिकेट खेलने के बारे में सोचता भी नहीं थी ऐसी मानसिकता को मिताली राज ने अपने दम और साहस से बदला। अब भारतीय क्रिकेट टीम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हैं।
फिल्म की कहानी
फिल्म की शुरूआत मिताली राज के बचपन से शुरू होती है। जहां उनके परिवार में भी कोई नहीं सोचता हैं कि वह क्रिकेट जैसी चीज करने के बारे में सोच सकती हैं। किसी को अंदाजा भी नहीं होता हैं कि मिठू के मन में भी क्रिकेट के प्रति कोई लगाव हो सकता हैं। फिल्म पूर्व क्रिकेटर के जीवन के उतार-चढ़ाव का वर्णन करता है। सचिन तेंदुलकर की फैन मिताली को बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी थी लेकिन मिताली को उनके परिवार वाले भरतनाट्यम की क्लास दिला रहे थे। मिताली को उनके क्रिकेट के बारे में रिलाइज करनवाने वाली उनकी दोस्त नूरी होती हैं। इसके बाद उनकी मुलाकात संपत सर (विजय राज) से हुई। संपत ने 7 सालों तक दोनों को ट्रेन किया। उसके बाद परिवार से तमाम संघर्ष करने के बाद मिठू खेल अकादमी पहुंचती हैं। वहां उन्हें नयी चुनौतियों का समना करना पड़ा। मिताली ने इंटरनेशनल क्रिकेट अकादमी जहां पुरूषों का बोलबाला था वहां अपनी पहचान कैसे बनाई इस पूरी कहानी को पर्दे पर दिखाने की कोशिश की गयी हैं।
कैसी है फिल्म शाबाश मिठू
इस बात में कोई संदेह नहीं है कि फिल्म की कहानी प्रेरणा दायक है। फिल्म में दिखाया है कि कैसे मिठू परिवार से छुप-छुप कर क्रिकेट खेलती थी और धीरे-धीरे तमाम संघर्ष करने के बाद वह भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनीं। उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए लेकिन फिल्म डायरेक्शन और कलाकारी में मार खा गयी। मिताली राज जो हस्ती हैं वह इससे बेटर डिजर्व करती थी। फिल्म में तापसी पन्नू का काम काफी ठंडा हैं। फिल्म में वह मिताली के किरदार के साथ न्याय नहीं कर सकीं हैं। कहते हैं कि तापसी पन्नू एक अच्छी कलाकार हैं लेकिन मिताली के रोल को वह समझ नहीं पायी हैं। एक रोने का सीन था जिसमें उनका रोना पूरी तरह से नकली लग रहा था। वहीं डायरेक्टर सृजित मुखर्जी भी अपने काम में फेल हो गये हैं। इतनी दमदार कहानी को वह पर्दे पर उतारने में कामयाब नहीं हो सके हैं।
फिल्म: शाबाश मिथु
रेटिंग : 2.5
कलाकार : तापसी पन्नू, विजय राज, शिल्पा मारवाह , इनायत वर्मा
निर्देशक :सृजित मुखर्जी
Shabaash mithu review in hindi