गुजरात के दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला, जिन्होंने 1996 में भाजपा के विद्रोहियों के एक अलग समूह से राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) की शुरुआत की। हालांकि बाद में वाघेला ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। उन्होंने जन विकल्प मोर्चा का गठन किया, जो 2017 के चुनावों में कोई भी सीट जीतने में विफल रहा। इसके बाद वे राकांपा में शामिल हो गए और कुछ ही महीनों में इसे छोड़ दिया और प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना की। अब गुजरात चुनाव को लेकर उनका बयान सामने आया है। आम आदमी पार्टी (आप) को खारिज करते हुए वाघेला कांग्रेस के लिए प्रचार में वापस आते नजर आ रहे हैं।
शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि जिसके पास पैसा है और कोई पार्टी लॉन्च करता है, वो पार्टियां काम करती हैं। केवल (एक संयोजन) पैसा और जनशक्ति काम करते हैं। कभी-कभी यह व्यक्ति पर निर्भर करता है... महागुजरात जनता पार्टी थी, स्वतंत्र पार्टी थी, वे चलती थीं, लेकिन धन बल पर। उन्होंने कहा कि आज पार्टियां चुनावी घोषणापत्र के जरिए ठगी कर रही हैं। चुनाव आयोग को पार्टियों से हिसाब मांगना चाहिए, और अगर वे पांच साल के भीतर अपने वादे पूरे नहीं करते हैं, तो उन्हें बाहर कर देना चाहिए, ताकि वे फिर से ऐसे वादे न करें।
रेवड़ी कल्चर को लेकर शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि मुफ़्त कुछ भी नहीं है। यह 300 यूनिट मुफ्त बिजली (आप का वादा) क्या है? किसिकी बाप की दिवाली है? यह आपका (सार्वजनिक) पैसा है। बताओ किस पार्टी ने मुफ्त शिक्षा का वादा किया और फिर 200 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करके अपना वादा निभाया? मैं गुजरात और देश के मतदाताओं से कहता हूं कि रेवड़ी के झांसे में न आएं. क्या किसी पार्टी ने कोई फंड जुटाया है जिससे वह अपने वादों को पूरा करेगी? यह सब जनता के पैसे के बल पर कहना आसान है।
Shankar singh vaghela said on the claim of 300 units of free electricity
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