प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उनके भतीजे और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव चापलूसों से घिरे हैं। यहां एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए सपा संस्थापक दिवंगत मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई एवं प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव पर टिप्पणी करते हुए कहा, वह चापलूसों से घिरे हुए हैं जो केवल चापलूसी में विश्वास करते हैं।
अखिलेश यादव पर शिवपाल की यह टिप्पणी इसलिए भी अहम है, क्योंकिमुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने भतीजे पर तंज करके यह साफ कर दिया कि दोनों के बीच के मतभेद और मनभेद समाप्त नहीं हुए हैं। सपा संस्थापक के निधन के बाद यह अटकलें लगने लगी थीं कि अखिलेश और शिवपाल एक होकर फिर से पार्टी को मजबूत कर सकते हैं। सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है और हमारे साथ कोई लालची व्यक्ति नहीं है। हम लालची लोगों से दूर रहते हैं।"
मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर होने वाले उपचुनाव के बारे में पूछे जाने पर, शिवपाल ने कहा, “हम अभी भी सोच रहे हैं कि हम अकेले या सपा के साथ चुनाव लड़ें, जो भी फैसला होगा वह जल्द ही सबके सामने होगा। रिश्ते में पौत्र लगने वाले पूर्व सांसद तेज प्रताप की उम्मीदवारी पर, जो सपा संरक्षक की मृत्यु के बाद खाली हुई सीट पर संभावित विकल्प के रूप में चर्चा में हैं, शिवपाल ने कहा, “पहले सपा द्वारा नाम की घोषणा की जाए,हम बाद में देखेंगे।” वैसे मुलायम सिंह यादव की दूसरी पुत्रवधू अपर्णा सिंह यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने के सवाल पर शिवपाल ने चुप्पी साध ली।
अपर्णा यादव 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयी थीं। गोरखपुर में शिवपाल का पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया। सपा संस्थापक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर, 2022 को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लगभग एक पखवाड़े तक चले मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार से संबंधित रस्मों के दौरान शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव के बीच करीबी ने चाचा-भतीजा के फिर से हाथ मिलाने की अटकलें तेज कर दी थीं।
शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव मार्च में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साथ आए थे, लेकिन चुनावों के बाद रिश्ते सहज नहीं रहे और वे फिर से अलग हो गए। मार्च में उप्र विधानसभा चुनाव में शिवपाल ने सपा के निशान पर ही जसवंतनगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत गये। लेकिन चुनाव के बाद उन्हें पार्टी की बैठक के लिए नहीं बुलाया गया। शिवपाल ने राष्ट्रपति चुनाव मेंभाजपा की पसंद द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था और कई मौकों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीब भी उन्हें देखा गया। संभावना थी कि बीते तीन नवंबर को गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव के लिए चाचा-भतीजे सपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
Shivpal singh yadav said samajwadi party president akhilesh yadav is surrounded by sycophants
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