जम्मू कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) की 100 करोड़ रुपये से अधिक की कई संपत्तियां कुर्क की, जिसमें पाकिस्तान समर्थक दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के नाम पर पंजीकृत एक मकान भी शामिल है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया, ‘‘एसआईए ने पुलवामा, कुलगाम, बडगाम और श्रीनगर जिलों में प्रतिबंधित जेईआई की और संपत्तियों का पता लगाया है। एसआईए जम्मू कश्मीर की सिफारिश पर संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद 12 स्थानों पर स्थित लगभग 122.89 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों के इस्तेमाल और उनमें प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।’’
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को अधिसूचित संपत्तियों में गिलानी के नाम पर पंजीकृत एक आवासीय मकान भी शामिल है। उन्होंने बताया कि बरजुल्ला दक्षिण में 17 मरला और 199 वर्ग फुट से अधिक का दो मंजिला मकान सैयद अली शाह गिलानी और फिरदौस अहमद असमी के नाम पर है। ऐसा समझा जाता है कि इस मकान को 1990 के दशक के अंत में जमात-ए-इस्लामी द्वारा खरीदा गया था और यह गिलानी (जेईआई) के नाम से पंजीकृत था। गिलानी 2000 के प्रारंभ तक इस मकान में रहते थे और फिर वह शहर के हैदरपुरा इलाके में रहने चले गए थे।
पिछले साल सितंबर में गिलानी का निधन हो गया था। अधिकारियों के मुताबिक, बाद में यह मकान जेईआई के अमीर (प्रमुख) के आवास के रूप में उपयोग में लाया जाने लगा। उन्होंने बताया कि मकान में तलाशी भी ली गई, जिसके भूतल पर नवंबर 2018 से शोपियां के मुलू चित्रगाम इलाके के निवासी शहजादा औरंगजेब का कब्जा है। अधिकारियों के अनुसार, एसआईए की यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठन जेईआई से जुड़ी संपत्तियों की कुर्की का हिस्सा है।
एसआईए ने इस केंद्र-शासित प्रदेश में जेईआई की 188 संपत्तियों की पहचान की है, जिन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए या तो अधिसूचित किया गया है या फिर अधिसूचित किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई बाटमालू थाने में दर्ज की गई एक प्राथमिकी की जांच का नतीजा है। एसआईए इस मामले की जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि इस कदम का मकसद अलगाववादी गतिविधियों के लिए धनराशि की उपलब्धता का मार्ग बंद करना और भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बने राष्ट्र विरोधी तत्वों एवं आतंकवादियों के नेटवर्क को ध्वस्त करना है।
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