जम्मू-कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) की करोड़ों रुपये की अनेक संपत्तियों को सील किया। उन्होंने बताया कि बारामूला, बांदीपोरा, गांदरबल और कुपवाड़ा जिलों में लगभग 100 करोड़ रुपये मूल्य की करीब एक दर्जन संपत्तियों के उपयोग और वहां प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि एसआईए की सिफारिश पर बारामूला, बांदीपोरा, गांदरबल और कुपवाड़ा के जिलाधिकारियों द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद संपत्तियों पर रोक लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अलगाववादी गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता को रोकना और भारत की संप्रभुता के लिए शत्रुतापूर्ण राष्ट्र विरोधी तत्वों तथा आतंकी नेटवर्क के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करना है। अधिकारियों ने कहा कि इस परिसरों/संरचनाओं को वर्जित कर दिया गया था और प्रवेश तथा उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया था। साथ ही संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में इन्हें “लाल प्रविष्टि” दी गई है।। उन्होंने कहा कि जब्ती की कार्यवाही के दौरान, यह पाया गया कि कुपवाड़ा और कंगन (गंदरबल में) कस्बों में लगभग दो दर्जन व्यावसायिक प्रतिष्ठान वर्तमान में जेईआई संपत्तियों से किराए के आधार पर चल रहे थे।
अधिकारियों ने कहा कि पूरी जांच के बाद यह निर्णय लिया गया कि इन्हें जारी रखने की अनुमति दी जाएगी ताकि जिन निजी व्यक्तियों का जेईआई से कोई संबंध न हो और वे केवल जेईआई को किराया देने वाले किराएदार हों, उन्हें दंडित न किया जाए और उनकी आजीविका प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि ये संपत्तियां जेईआई से संबंधित संपत्तियों की श्रृंखला में अधिसूचित की जाने वाली संपत्तियों का तीसरा समूह है।
उन्होंने कहा, “कार्रवाई केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में काफी हद तक आतंकवाद के वित्त पोषण करने के खतरे को खत्म कर देगी, साथ ही यह कानून के शासन और बिना किसी डर के समाज को सुनिश्चित करने के लिए एक कदम होगा।” एसआईए ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में 188 जेईआई संपत्तियों की पहचान की जिन्हें या तो अधिसूचित किया गया या वह आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए अधिसूचित किए जाने की प्रक्रिया के तहत हैं। अधिकारियों ने कहा कि ये 2019 के मामले की प्राथमिकी संख्या 17 यू/एस 10, 11 और 13 पुलिस थाने बटमालू की जांच के परिणामस्वरूप हैं, एजेंसी द्वारा जांच की जा रही है।
Sia seals assets worth crores of jamaat e islami in jammu and kashmir
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