Currentaffairs

साक्षात्कारः इश्लीन कौर ने कहा- मधुर आवाज कुदरत की देन होती है

साक्षात्कारः इश्लीन कौर ने कहा- मधुर आवाज कुदरत की देन होती है

साक्षात्कारः इश्लीन कौर ने कहा- मधुर आवाज कुदरत की देन होती है

प्रतिभाएं मौके की तलाश में होती हैं, चाहें कितनी भी मुसीबत या चुनौतियां क्यों ना आएं, उन्हें परवाह नहीं होती। गायकी के क्षेत्र में ऐसी ही एक प्रतिभा पंजाब के बठिंडा से ईश्लीन के रूप में उभरकर सबको मनमोहित कर रही हैं। महज 17 वर्ष की इस बालिका की गायकी के दीवाने सभी वर्ग के लोग हैं। पंजाबी चैनल एमएच-1 के शो ‘निक्की आवाज पंजाब दी’ में उन्होंने खलबली मचा कर मंच लूटा। अपनी गायकी से इशलीन कौर ने अभी तक कई पुरस्कार जीते हैं। अभी पिछले ही दिनों उनका एक गाना लॉन्च हुआ है। मखमली गायकी को लेकर ईश्लीन कौर से पत्रकार डॉ. रमेश ठाकुर ने तमाम बातचीत की, पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से।

प्रश्नः कब से गाना शुरू किया था?

उत्तर- चार-पांच वर्ष से ही गुनगुनाना आरंभ कर दिया था। माता-पिता दोनों गाते हैं, इसलिए शुरू से ही उन्होंने मुझे लय और संयम सिखाया। सात वर्ष की उम्र से प्रोफेशनल गायकी का आगाज हो गया था। स्कूल के स्टेज शोज, पांडाल, चौकियों आदि में गाने लगी थी। अब तो ऐसा प्रतिदिन कोई ना कोई शोज होता रहता है।
  
प्रश्नः रियालिटी शो ‘निक्की आवाज पंजाब दी’ में कैसे प्रवेश हुआ?

उत्तर- ऑडिशन दिया था, सेलेक्ट हुई। गाने के प्रारंभिक राउंड से मेरी गायकी जजों को पसंद आई, तभी आखिरी राउंड तक पहुंची। पूरे पंजाब के अलावा देशभर के लोग मेरी गायकी को सराहने लगे हैं। इसके बाद तो सिलसिला शुरू हो गया। बठिंडा से हूं, यहां के लोग प्यार-स्नेह देते हैं। जब भी चैनल के किसी भी रियलिटी शो में भाग लेती हूं, तो मुझे दिल से सपोर्ट करते हैं।

प्रश्नः आपका एक गाना भी इसी महीने रिलीज हुआ है?

उत्तर- जी हां। प्रसिद्ध पंजाबी सिंगर हरजोत के साथ मेरा इसी नवंबर माह में ‘लारी’ गाना रिलीज हुआ है जिसे पूरे हिंदुस्तान में सुना जा रहा है। संगीत विकी धालीवाल का है जिसे उन्होंने बेहतरीन तरीके से रिकॉर्ड किया है। इसके अलावा कुछ और प्रोजेक्ट हैं जो पूरे होने को हैं। कई गानों की शूटिंग हो चुकी है, कुछ लाइन में हैं। कुछ एलबम के लिए भी काम कर रही हूं।

इसे भी पढ़ें: साक्षात्कारः अभिनेता अभिजीत सिन्हा से फिल्म 'होटल मर्डर केस' पर बातचीत

प्रश्नः पारिवारिक सपोर्ट मिलता रहता है?

उत्तर- बिल्कुल, उनके बिना सपोर्ट के मैं कुछ भी नहीं? मम्मी-पापा दोनों भी सिंगर बनना चाहते थे, लेकिन अपने सपने अब मुझमें देखते हैं। वह जल्द से जल्द हिंदी फिल्मों में गाते हुए देखना चाहते हैं। मैं जो भी हूं, उन्हीं की बदौलत से हूं। गायकी की एबीसीडी उन्होंने ही मुझे सिखाई, मैंने सिंगिंग की ट्रेनिंग कहीं से नहीं ली, जो भी सीखा सब कुछ घर से ही। दरअसल, घर सबसे बड़ी पाठशाला होती है। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे घर से ही गायकी का माहौल शुरू से मिला।

प्रश्नः कौन से सिंगर को आप फॉलो करती हैं?

उत्तर- देखिए, हर किसी का कोई ना कोई आइडियल होता है। सुनिधि चौहान को मैं अपना आइडियल मानती हूं। उनकी गायकी मुझे हमेशा से प्रभावित करती रही हैं। गंभीरता से सुनती हूं उनको। लोग मुझे भी कभी कभार कहते भी हैं कि मेरी गायकी उनसे मैच करती है। वो मेरे लिए गर्व का क्षण होता है जब सुनिधि चौहान जैसी सुर कोकिला से तुलना की जाती है। जुबिन नौटियाल की आवाज भी मुझे बहुत अच्छी लगती है।

प्रश्नः भविष्य की क्या हैं प्लानिंग?

उत्तर- सिंगिंग में लंबी उड़ान भरनी है। प्रत्येक सिंगर का सपना एक ही जैसा होता है, प्ले बैक सिंगर बनने का, मेरा भी यही सपना है। स्टेज शोज करती हूं, प्रोग्रामों में गायन करती हूं। इसके अलावा भविष्य की योजना हिंदी, पंजाबी व अन्य भाषाओं की फिल्मों में गाने की है। एल्बम में गाने का सिलसिला तो चल ही रहा है।

प्रश्नः नवोदित कलाकारों को जल्दी मंच नहीं मिल पाता, इस बात से कितना इत्तेफाक रखती हैं आप?

उत्तर- आपका संघर्ष, आपकी मेहनत कभी जाया नहीं जाती। हुनर की कद्र हमेशा से होती आयी है। वैसे, मैं फल की चिंता नहीं करती, देना वाला ईश्वर है, उस पर भरोसा करना चाहिए। बाकी नए सिंगर अगर जल्द बड़े गायक बनने का सपना देखते हैं तो उनको ऐसा नहीं करना चाहिए। जब वक्त आएगा, बुलंदी का डंका अपने आप बज जाएगा।

-बातचीत में जैसा, सिंगर ईश्लीन कौर ने डॉ. रमेश ठाकुर से कहा।

Singer ishleen kaur interview on coming films and music albums

Join Our Newsletter

Lorem ipsum dolor sit amet, consetetur sadipscing elitr, sed diam nonumy eirmod tempor invidunt ut labore et dolore magna aliquyam erat, sed diam voluptua. At vero