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सीतारमण ने राज्यों से निर्यातकों पर लॉजिस्टिक बोझ कम करने को कहा

सीतारमण ने राज्यों से निर्यातकों पर लॉजिस्टिक बोझ कम करने को कहा

सीतारमण ने राज्यों से निर्यातकों पर लॉजिस्टिक बोझ कम करने को कहा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को राज्यों से बहु-आयामी परिवहन नजरिया अपनाने के साथ हीयह सुनिश्चित करने को कहा कि लॉजिस्टिक निर्यातकों के लिए बोझ न बने। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति एक बेहतरीन योजना है जिसकी मदद से विभिन्न परिवहन गतिविधियों में तालमेल स्थापित किया जा सकता है। सीतारमण ने यहां भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के तीसरे परिसर का उद्घाटन करने के बाद अपने भाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उनके निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए एक जिला-एक उत्पाद और वोकल फॉर लोकल पहल शुरू की गई है।

उन्होंने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय एक निर्यात नीति बनाने पर काम कर रहा है जिसमें निर्यातकों को कई तरह के प्रोत्साहन दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा, एक अक्सर दोहराई जाने वाली और बेहद प्रासंगिक पंक्ति है, जिसका उल्लेख वाणिज्य मंत्री करते हैं - हम करों का निर्यात नहीं कर सकते। हमें ऐसे तरीकों की पहचान करनी चाहिए, ताकि ये कर- केंद्र, राज्य या स्थानीय कर - निर्यातकों के लिए बोझ न बनें। उन्होंने कहा कि सरकारों को इन उत्पादों से ज्यादा राजस्व नहीं मिला, लेकिन फिर भी निर्यातकों पर बोझ पड़ा। बिजली और लॉजिस्टिक की बढ़ती लागत निर्यात को प्रभावित कर रही है।

सीतारमण ने कहा, बेहतर सड़कों और बंदरगाहों के बनने के साथ... सीमा शुल्क संचालन के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुविधा आ रही है... निश्चित रूप से, लॉजिस्टिक से जुड़े मुद्दों का धीरे-धीरे Kakinadaसमाधान किया जा रहा है। राज्य सरकारों को भी इस बात पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए कि लॉजिस्टिक निर्यातकों पर बोझ न बने। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री के इस सुझाव का जिक्र किया कि राज्यों को विदेशों में भारतीय दूतावासों में निर्यात प्रोत्साहन कार्यालय खोलने चाहिए।

उन्होंने कहा, यदि आपके पास यह बताने की क्षमता है कि आप ऐसे कौन से उत्पाद तैयार कर सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं ... तो हमारे दूतावास वह स्थान हैं, जहां आपको होना चाहिए और वहां के बाजारों को लक्षित करना चाहिए। हमारे कुछ राज्य आकार में कुछ यूरोपीय देशों के बराबर हैं। हमारा एक जिला भी बाहर के बाजार पर प्रभाव स्थापित करने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि एक जिला, एक उत्पाद योजना के तहत प्रत्येक जिले के ऐसे उत्पाद की पहचान की गई है, जो उनकी प्राकृतिक क्षमता के अनुकूल है। सीतारमण ने कहा कि वह एक मंत्री नहीं बल्कि अर्थशास्त्र की छात्रा के रूप में बोल रही हैं। उन्होंने आईआईएफटी के छात्रों से वैश्विक व्यापारिक क्षेत्रों की घटनाओं कीव्यापक समझ विकसित करने को कहा।

Sitharaman asks states to reduce logistics burden on exporters

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