केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को संभावना वाले ऊर्जा संसाधनों में निवेश के लिए आगे आने को कहा है। उन्होंने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत उनके निवेश को ‘संभालने’ के लिए नीतिगत स्थिरता, पारदर्शिता और विचार-विमर्श वाली कामकाज के संचालन की प्रक्रिया की पेशकश करता है।
सीतारमण ने यहां कोयला खानों की वाणिज्यिक नीलामी की शुरुआत के मौके पर कोयले में निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘कोयले के गैसीकरण में मदद के लिए हमें और अधिक निवेश की जरूरत है। मैं आप सभी को (वाणिज्यिक खानों के छठे दौर) नीलामी प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित करती हूं, जो आज शुरू हुई है।’’
उन्होंने कहा कि अमृत काल के दौरान देश तेजी से विकास की तरफ बढ़ रहे भारत को सभी बुनियादी खनिजों की जरूरत है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत वह जगह है जहां निवेश होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से एक ऐसी नीति का माहौल बना रहे हैं, जो अधिक पारदर्शिता और नीति स्थिरता का मार्गदर्शन करने के साथ निवेश को आमंत्रित करें। भारत के लिए अगले 25 साल आर्थिक वृद्धि और रोजगार दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।’’
केंद्रीय वित्त मंत्री ने उद्योगों को अपने सुझाव देने और परामर्श प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनने के लिए भी आमंत्रित किया। इस दौरान केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ऐसे समय में जब मंदी की बात हो रही है, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को शुरू हुई वाणिज्यिक खानों की नीलामी के छठे दौर में 141 कोयला और लिग्नाइट खदानों की बिक्री की जाएगी। अबतक लगभग 67 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के तहत बिक्री के लिए रखा गया है।
Sitharaman said india provides policy stability transparency to investors
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