केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत विकसित अर्थव्यवस्थाओं के घटनाक्रमों के प्रभाव से (स्पिलओवर) निपटने और क्रिप्टो करेंसी के वैश्विक स्तर पर विनियमन के लिए जी20 में सामूहिक प्रयास का दबाव बनाएगा। ऐसी स्थिति जो एक जगह से शुरू होती है और उसका अप्रत्यक्ष प्रभाव कहीं और पड़ता है, उसे स्पिलओवर कहते है। सीतारमण ने एक दिसंबर से भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता संभालने के बाद चर्चा वाले क्षेत्रों का भी जिक्र किया।
इनमें बहुपक्षीय संस्थानों और खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा में सुधार समेत प्राथमिकता वाले आठ क्षेत्र शामिल हैं। भारत.... इंडोनेशिया से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा, जो 20 विकसित और विकासशील देशों का समूह है। सीतारमण ने कहा, ‘‘हम अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ तुलना के लिहाज से बहुत सहज स्थिति में हैं। हमारा वृहत आर्थिक आंकड़ों का आधार ठीक है।’’
उन्होंने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को हमेशा विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में होने वाली घटनाओं के अनपेक्षित प्रभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जी20 मंच में भारत लगातार अपनी स्थिति बनाए हुए है और उभरती अर्थव्यस्थाओं तथा निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों की चिंताओं पर लगातार नजर रख रहा है।
सीतारमण ने इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक रिलेशंस (इक्रियर) के जी20 सम्मेलन में कहा, ‘‘ऐसे समय में जब हम विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं में अनपेक्षित ‘स्पिलओवर’ का भी सामना कर रहे हैं, भारत जैसे देश या मध्यम या निम्न आय वर्ग या उभरते बाजार इसका कितना खामियाजा उठा सकते हैं। आईएमएफ ने विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की चेतावनी देते हुए पिछले महीने 2022 के लिए वैश्विक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 3.2 प्रतिशत और 2023 के लिए 2.9 प्रतिशत कर दिया था। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्टा असर हुआ है, सीतारमण ने कहा कि वे जी20 में इस चर्चा का हिस्सा हो सकते हैं।
Sitharaman said will emphasize collective efforts to deal with impact of developments in g20
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