नयी दिल्ली। जाते साल के आखिरी दिन खबरों से भरपूर रहे। इनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां का निधन, दुनियाभर में फुटबॉल के भगवान माने जाने महान पेले का निधन और सड़क दुर्घटना में ऋषभ पंत के घायल होने जैसी बड़ी खबरों के बीच खेल के पन्ने पर छपी एक कॉलम की खबर देखने में तो छोटी थी, पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना के लिए बहुत बड़ी थी। दरअसल उन्हें एक बार फिर आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है। कहने को यह नामांकन भर है और बाएं हाथ की सलामी बल्लेबाज के सामने दुनिया की बेहतरीन खिलाड़ियों से बाजी मार लेने की चुनौती है।
आईसीसी ने 2022 के लिए ‘वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर अवार्ड’ के लिए कुल चार महिला खिलाड़ियों को नामांकित किया है। इनमें मंधाना के अलावा इंग्लैंड की ऑलराउंडर नैट सीवर, न्यूजीलैंड की ऑलराउंडर अमेलिया केर और ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वैसे मंधाना के इस साल के प्रदर्शन को देखें तो उनके विजेता होने के आसार ज्यादा नजर आते हैं। मंधाना ने 2022 में भारत के लिए टी20 में 594 रन बनाए और उनसे ज्यादा रन दुनिया में किसी ने नहीं बनाए। इसी तरह एकदिवसीय क्रिकेट में 696 रन के साथ वह दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं।
स्मृति ने इस साल दो बड़े टूर्नामेंट- महिला वनडे वर्ल्ड कप और राष्ट्रमंडल खेलों में अपने बल्ले का जौहर दिखाया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा की बात करें तो महाराष्ट्र के एक मारवाड़ी परिवार से ताल्लुक रखने वाली स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में श्रीनिवास और स्मिता मंधाना के यहां हुआ। स्मृति बहुत छोटी थीं, जब उनका परिवार सांगली जिले के माधवनगर में जाकर बस गया। उन्होंने अपने पिता और भाई को बहुत छुटपन से ही जिला स्तर पर क्रिकेट खेलते हुए देखा तथा बैट, बॉल, विकेट, पैड और ग्लव्ज के साथ उनकी पहचान बहुत जल्दी हो गई। पहचान हो तो दोस्ती होते वक्त नहीं लगता।
देखते ही देखते स्मृति ने बल्ले के साथ अपनी दोस्ती बढ़ा ली और उनके भाई ने उनके लिए गेंदबाजी करके उन्हें बल्लेबाजी का अभ्यास कराया। इसी का नतीजा था कि मात्र नौ साल की उम्र में उन्हें महाराष्ट्र की अंडर 15 टीम में चुन लिया गया। अभी 11 बरस की ही हुई थीं कि महाराष्ट्र की अंडर-19 टीम में उनका चयन हो गया। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन और आक्रामक बल्लेबाजी को देखते हुए उन्हें 2014 में महिला टेस्ट क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। स्मृति का परिवार उनके खेल को बेहतर बनाने के लिए अपनी ओर से लगातार प्रयास करता है।
मां स्मिता जहां उनकी डाइट, उनके कपड़े और अन्य जरूरतों का ख्याल रखती हैं, वहीं भाई अब भी नेट में गेंदबाजी करते हैं। पिता केमिकल का कारोबार करने के साथ साथ स्मृति के क्रिकेट कार्यक्रम का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी भी संभालते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्मृति मंधाना की शानदार बल्लेबाजी की चमक जब तब दिखाई देती रहती है और बहुत मुमकिन है कि एक बार फिर वह आईसीसी की तरफ से वर्ष की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटर करार दी जाएं।
Smriti mandhana once again nominated as icc womens cricketer of the year
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