दक्षिण कोरिया ने दोहराया है कि उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु खतरे के बीच उसके और अमेरिका के बीच अमेरिकी परमाणु हथियारों के प्रबंधन में दक्षिण कोरिया को शामिल किए जाने के संबंध में बातचीत चल रही है। दरअसल, उत्तर कोरिया ने नए साल के पहले दिन रविवार को एक मिसाइल का परीक्षण किया था। वहीं, उसके नेता किम जोंग उन ने अपने देश के परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करने और नयी व अधिक शक्तिशाली अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल बनाने का संकल्प लिया था। दक्षिण कोरिया इसके बाद से अमेरिका की ओर से वृहद सुरक्षा प्रतिबद्धता चाह रहा है।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बातचीत के संबंध में दक्षिण कोरिया का बयान दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों के बीच नवंबर में हुए समझौते पर आधारित है, जिसके तहत संयुक्त अभ्यास करने और सूचनाएं साझा करने, संयुक्त रूप से योजनाएं बनाने तथा उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में तेजी लाने पर सहमति बनी थी। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने सोमवार को एक समाचार पत्र में प्रकाशित साक्षात्कार में कहा कि दोनों देश अमेरिकी परमाणु शस्त्रों के संबंध में संयुक्त योजना एवं प्रशिक्षण की योजना बना रहे हैं और अमेरिका ने इस विचार में दिलचस्पी दिखाई है।
वहीं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से एक पत्रकार ने प्रश्न किया कि क्या दोनों देश संयुक्त परमाणु अभ्यास पर चर्चा कर रहे हैं तो बाइडन ने ‘नहीं’ में जवाब दिया। बाइडन की इस टिप्पणी से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के रिश्तों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई थी। यून के प्रवक्ता किम उन हे ने मंगलवार को एक बयान जारी कर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के बयान को दोबारा दोहराया। उन्होंने कहा कि सियोल और वाशिंगटन ‘‘उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे के जवाब में अमेरिका के परमाणु जखीरे के संबंध में सूचनाएं साझा करने, संयुक्त योजनाएं बनाने और प्रशिक्षण देने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।’’
इसके बाद व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा कि बाइडन और यून ने ‘‘अपनी टीम से कई परिदृश्यों में प्रभावी समन्वय प्रतिक्रिया योजना बनाने को कहा है। इनमें उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का परिदृय भी शामिल है।’’ एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के अधिकारी कंप्यूटर पर आधारित अभ्यास जल्द शुरू कर सकते हैं। गौरतलब है कि यून ने समाचारपत्र ‘द चोसुन इल्बो’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘परमाणु हथियार अमेरिका के हैं, लेकिन योजनाएं बनाना, सूचनाएं साझा करना और अभ्यास एवं प्रशिक्षण का काम दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए।’’ गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया के पास अपना कोई परमाणु हथियार नहीं है।
South korea said talks with us on management of nuclear weapons continue
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